जलतरंग वादक पंडित पंडित मिलिंद तुलान्कर जी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं टलसा में होने वाले कॉन्सर्ट 'कलर्स ऑफ़ रिदम ' में ,जो की साऊथ एशियन परफॉर्मिंग आर्ट फाउंडेशन के बैनर तले होने वाला है इसमें पंडित रामदास जी ,पंडित मिलिंद तुलंकर,उस्ताद तौफीक कुरैशी जी परफॉर्म करने वाले हैं l
इसी दौरान मैने पंडित मिलिंद तुलान्कर जी से बात की प्रस्तुत है बातचीत से मुख्य अंश
आपने जलतरंग बजाना कब से शुरू किया था ?
मैने ४ साल की उम्र से हारमोनियम बजाना शुरू कर दिया था फिर मै स्कूल की पढ़ाई करने के लिए अपने नाना जी के पास गया मेरे नाना जी जलतरंग बजाते थे मैने उन्ही से सीखा .र आज २५ साल हो गए मै जलतरंग बजा रहा हूँ .मेरे गुरु मेरे नाना पंडित शंकर विष्णु कांदेरे जी हैंl
आप बहुत से वाद्य यंत्र बजा लेते हैं उनको सिखने मेँ और शो करने मेँ आपकी पढ़ाई का नुकसान नहीं हुआ ?
मै अपने परिवार का धन्यवाद करता हूँ की उन्होंने कभी ये नहीं कहा की तुम पहले पढ़ाई करो फिर बजाओ, पर मैने जलतरंग के कार्यक्रम के लिए अपनी परीक्षा भी छोड़ी है lरेडिओ ऑडिशन के लिए मैने अपनी बी ये की परीक्षा नहीं दी थी l
जलतरंग मेँ कितने प्यालों का प्रयोग होता है ?
काम से काम १२ होते है बाद मेँ २४ तक हो सकते हैं ,राग में जो सुर होते हैं उसके अनुसार प्यालों की संख्या होती है ,जैसे राग भोपाली में पांच ही सुर हैं ,दो तीन सप्तक बजने के लिए १० -१२ प्यालों (बोल )की जरुरत पड़ती है जो सम्पूर्ण राग होते हैं या वो राग जिसमे एक सुर दो तरह से लगते हैं जैसे 'ग' कोमल भी है और 'ग 'शुद्ध भी है तो उसमे २० -२४ प्याले भी लग जाते हैं l प्यालों को सेमी सर्कल में रखा जाता है जिससे बजने में आसानी होती है l प्यालों का साइज अलग अलग होता है बाएं हाथ की तरफ एकदम बड़े बाउल (प्याले ) से शुरू होता है और दाहिने हाथ तक एकदम छोटा होता है l
प्यालों में पानी के स्तर से क्या अंतर पड़ता है?
पानी से स्तर से ही सुर बनते हैं जितना पानी डालेंगें उतना सुर कम हो जाता है जैसे रे के प्याले में यदि और पानी डालेंगे तो वो स बन जायेगा l
जलतरंग में किस मेटीरियल से बने प्यालों का प्रयोग ज्यादा किया जाता है ?
चीनी मिट्टी के व्याले हो या बॉन चाईना के उनको बजा के देखना होता है की टीयूनिंग ठीक है या नहीं .बजने पर प्यालों में वाइब्रेशन नहीं होना चाहिए .ये भारत में बजाये जाने वाले पुराने वाद्य यंत्रों में से एक है पहले ये मेटल के प्यालों में बजता था l
आपका पसंदीदा राग कौन सा है ?
मै बहुत से रागों को पसंद करता हूँ शाम के समय में पूर्यधनश्री ,यमन और सुबह के समय में अहिर भैरव या तोड़ी रात में चन्द्रकौश, हंसवधनी l
आपने बहुत बड़े बड़े लोगों के साथ शो किया है उनमे से आपका पसंदीदा शो कौन सा है?
अमज़द अली खान साहब का पुणे में वर्कशॉप था मैने उसमे भाग लिया था ,तो उनको बहुत अच्छा लगा की आज भी कोई जलतरंग बजता है lदूसरे दिन लोगों के लिए शो था तो अमज़द अली खान साहब ने मुझे बुलाया और कहा की आज शाम के कार्यक्रम मेँ आप आधा घंटा बजाइए l मेरे लिए बहुत सम्मान की बात थी मेँ विश्वास नहीं कर पा रहा था की मुझे अमजद अली खान साहब से पहले बजाना है l ये करीब १० -१२ साल पुरानी बात है पर आज भी मुझे याद है l
आपने अपना पहला कंसर्ट कब किया था ?
१९८९ मेँ मैने अपना पहला शो किया था पूना के पास जगह है वहां शो किया था इस समय मै स्कूल मेँ था अपने शहर मेँ तो बजा चुका था पर ये पहली बार था की कहीं बाहर जा कर मैने जलतरंग बजाय था l
आप म्यूजिक थेरेपी भी करते हैं ,उसके बारे में कुछ बताइये l
जी हाँ में मरीजों के पास जा कर उनकी बीमारी के अनुसार संगीत बजता हूँ l एक घटना मुझे आज तक याद हैल एक बार मै पुणे में एक कैंसर की मरीज के लिए बजा रहा था जब मेरा बजाना ख़त्म हुआ तो वो महिला खुद उठ कर बैठ गयी सभी को बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकी जब से वो अस्पताल में भर्ती हुयी थी खुद से उठ कर नहीं बैठी थी l
आपको बहुत से पुरस्कार मिले हैं एक कलाकार के जीवन मेँ पुरस्कारों का क्या मतलब होता है?
पुरस्कारों को पाने से एक कलाकार की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है क्योंकी यदि अवार्ड बहुत है और आप अच्छा नहीं बजाएं तो निराशा होती हैl
अपने अल्बम्स के बारे में कुछ बताइये l
मेरी १५ सीडी निकाली हैl अभी जो नया अल्बम आया है वो टाइम्स म्यूजिक का है "हीलिंग जल "इसमें म्यूजिक थेरेपी के ही ६ ट्रैक हैं l
टलसा के सुनने वालों को आप क्या कहना चाहेंगे ?
जलतरंग बहुत ही कम सुनने को मिलता है lये रूह को सुकून देने वाला होता है l.सुनने वालों के सारे तनाव दूर हो जाते हैं lतो जरूर आईये आपको बहुत आनंद आएगाl