फार्मास्युटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को एक अमरीकी अदालत ने एक महिला को 417 मिलियन डॉलर (क़रीब 26.72 अरब रुपये) हर्ज़ाना देने का आदेश दिया है. महिला का कहना है कि कंपनी के टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल के बाद उसे गर्भाशय का कैंसर हो गया था. कैलिफ़ोर्निया के न्यायधीशों का यह फैसला, उन मुकदमों में सबसे बड़ा है, जिनमें ये दावा किया गया है कि कंपनी ने अपने अभ्रक युक्त उत्पादों पर कैंसर के ख़तरे को लेकर चेतावनी नहीं दी थी.
ऐसे मामले में ज़ुर्माने का यह फैसला अब तक का सबसे बड़ा फैसला है, जिसमें इतनी बड़ी राशि चुकाने को कहा गया है. कंपनी मामले में अपील करने की योजना बना रही है. जॉनसन एंड जॉनसन की प्रवक्ता कैरोल गुडरिच ने एक बयान में कहा है, “हम इस फैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर करेंगे क्योंकि हम विज्ञान को मानते हैं.” उन्होंने कहा कि पाउडर के उपयोग से कैंसर हुआ है, इसके सबूत अपूर्ण हैं. न्यूजर्सी स्थित जॉनसन एंड जॉनसन के मुख्यालय में हजारों महिलाओं ने दावा किया है कि पाउडर लगाने के बाद वे गर्भाशय कैंसर की शिकार हुईं.उनका दावा है कि गुप्तांगों के पसीने को सोखने के लिए वे पाउडर का इस्तेमाल करती थीं.
कंपनी पहले भी पांच में से चार केस हार चुकी है, जिसके चलते उस पर 30 करोड़ डॉलर (क़रीब 20 अरब रुपये) का ज़ुर्माना लग चुका है. केस के देख रहे वकील के अनुसार इवा इकेवेरिया, 63 साल, 11 साल की उम्र से बेबी पाउडर का इस्तेमाल कर रही हैं. 10 साल पहले उन्हें गर्भाशय का कैंसर होने की बात समाने आई. महिला का दावा है कि कंपनी को कैंसर के ख़तरे के बारे में पता था, लेकिन उसने लोगों से यह बात छुपाई है.
कंपनी पर 70 मिलियन डॉलर हर्जाने और 347 मिलियन डॉलर सज़ा के तौर पर लगाया गया है.सालों से यह बात चिंता का विषय बनी हुई है कि टैल्कम (अभ्रक युक्त) पाउडर लगाने से गर्भाशय का कैंसर होता है, खासकर गुप्तांगों पर. लेकिन सबूत निर्णायक नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थानों के मुताबिक गुप्तांगों पर अभ्रक का इस्तेमाल कैंसर हो सकता है.
प्राकृतिक रूप से प्राप्त अभ्रक में एस्बेस्टस होता है, जिससे कैंसर होता है. 1970 के दशक से ही बेबी पाउडर और अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों में एस्बेस्टस मुक्त अभ्रक का इस्तेमाल किया जाता है.
साभार-http://www.bbc.com/hindi/ से