रायपुर। श्रीमती उर्वशी वर्मा कुछ समय पहले आर्थिक एवं पारिवारिक समस्या से परेशान थी। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भिलाई-चरौदा नगर पालिक निगम क्षेत्र में संचालित मिशन क्लीन सिटी योजना की मदद से अब वह आत्मनिर्भर बन गई हैं, और अपने बीमार पति को भी सहारा दे रही हैं।
उर्वशी अपने पति और दो बच्चों के साथ दुर्ग जिले के शीतला पारा मोहल्ले में रहती है। उनके सुखमय जीवन को उस समय ग्रहण लग गया, जब एक दुर्घटना में उनके पति को लकवा मार गया। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से उन्हें अपने पति के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। वे अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए घर-घर जाकर झाडू, पोछा, बर्तन साफ करने का काम करती थीं, जिससे उन्हें ज्यादा आमदनी नहीं होती थी। पति के इलाज के लिए भी खर्च करने पड़ते थे। उर्वशी को एक स्थाई आय के स्त्रोत की आवश्यकता थी, जिससे उनकी पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
उर्वशी को अक्टूबर 2017 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित मिशन क्लीन सिटी योजना के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के कार्य के बारे में पता चला। इस कार्य को उन्होंने अपनी आय का जरिया बनाने का सोचा और नगर पालिका निगम भिलाई-चरौदा के अधिकारियों से मिलकर कार्य की जानकारी ली। उर्वशी जयभोले बचत साख समूह नामक महिला स्वसहायता समूह के साथ जुड़कर यह कार्य करने लगी। मिशन क्लीन सिटी योजना के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद एस.एल.आर.एम. सेन्टर में गीले व सुखे कचरे को पृथक पृथक किया जाता है। इस कार्य के लिए महिलाओं को मानदेय राशि दी जाती है और सूखे कचरे को बेचने से जो राशि मिलती हैं, वह प्रोत्साहन राशि के रूप में उन्हें दी जाती हैं।
उर्वशी इस योजना से जुड़कर अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं और अपने पति का इलाज कराने तथा बच्चों के पालन-पोषण में समर्थ है। उर्वशी और उनके परिवार के लिए यह योजना वरदान है, जिससे आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक हालात सुधारने में मदद मिली है। उनका कहना हैं कि शासन के इस कार्य से उन्हें रोजगार ही नहीं मिला बल्कि उनके शहर को स्वच्छ, स्वस्थ और सुगम्य वातावरण भी मिला है।