भोपाल। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में देशभक्ति रचनाओं पर आधारित काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के युवा रचनाकारों के साथ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षको द्वारा भी एक से बढ़ कर एक रचनाओं का पाठ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के निदेशक दीपक शर्मा जी ने की तथा मुख्य अतिथि श्याम बिहारी सक्सेना थे।
विश्वविद्यालय की छात्रा संध्या कुमारी ने ‘ताज है जिसका हिमालय मै उस देश की बेटी हूँ’ तथा पंकज कसरादे ने ‘शहीदो की शहादत ऐसे न अपमान करों खोल बेड़ियां सेना की पाक से दो दो हाथ करो’ शब्दों से अपनी प्रस्तुति दी। अंतरिक्ष सिंह ‘लहराते तिरंगे की शान में चेताता हूँ आतंकियों तुम्हे तम्हारे ही पाकिस्तान में’ जैसे शब्दों को कविता में पिरोया। भीमसेन मालवीय ने ‘पूजती जिस देश की संस्कृति को दुनिया दोस्तों वो देश हिंदुस्तान है’ तथा अभिषेक दुबे ने ‘अंग्रेज तो भारत छोड़ गए पीछे बैठ वो रावण था जो कुतर रहा इतिहास तेरा’ शब्दों से कविता पाठ किया। पाकिस्तान पर क्रोधित युवा ललितांक कहते है सिंहासन से कहता हूँ मै अब न कोई विचार करों बहुत हो गई शांति वार्ता अब सीने पर वार करो। श्वेता रानी ने अपने मधुर कंठ से वीरों को नमन करते हुए पढ़ा उनको नमन हमारा उनको नमन हमारा जिनकी वजह से चमका इस मुल्क का सितारा। लोकेंद्र सिंह, आरती, कार्तिक सागर, प्रिया अग्रवाल, प्रशांत मिश्रा, सुखलाल अहिरवार, वंदना, अमिताभ मिश्रा, अश्विनी मिश्रा, राहुल बसल, मनीष दुबे आदि ने अपनी रचनाओ का पाठ किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ साधना बलवटे ने किया।