Friday, November 22, 2024
spot_img
Homeपर्यटनकेरल अपने पर्यटन स्थलों की नयी सूची एवं विभिन्न उत्पादों के साथ...

केरल अपने पर्यटन स्थलों की नयी सूची एवं विभिन्न उत्पादों के साथ पूरी तरह तैयार

गुरूग्राम। साल भर चलने वाली अपनी मार्केटिंग ऐक्टिविटी अभियान एवम् गुरूग्राम में पर्यटन उद्योग की कंपनियों तक पहुंच बनाते हुए केरल टूरिज्म, ने आज गुरूग्राम स्थित होटल लीला एम्बियांस में एक रोड-शो का आयोजन किया। इस अभियान की शुरूआत समर कैम्पेन के साथ हुई थी जो कि अप्रैल से सितंबर के महीने में गर्मी में यात्रा करने वाले यात्रियों को आकर्षित करता है। मौके पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जहां केरल से आये कलाकारों ने शानदार कला-कौशल प्रस्तुत कर उपस्थित सभी दर्शकों का मनोरंजन किया।

केरल को लोनली प्लैनेट द्वारा बेस्ट फैमिली डेस्टिनेशन, कोन्डे नैस्ट ट्रैवेलर द्वारा बेस्ट लीशर डेस्टिनेशन का पुरस्कार दिया जा चुका है। इसने 2016 में 6 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार भी जीते। केरल अपने रोमांच पसंद यात्रियों के लिए बेहद जरूरी राहत एवं रोमांचक अनुभव की पेशकश करता है। कयाकिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग ऐडवेंचर पैकेज का ही हिस्सा हैं। केरल के माननीय पर्यटन मंत्री श्री कडाकम्पल्ली सुरेन्द्रन, ने कहा, ‘‘भले ही केरल को एक शांत डेस्टिनेशन के तौर पर देखा जाता है, लेकिन राज्य के विविध भौगोलिक क्षेत्र रोमांच प्रेमियों के लिए ढेरों अवसर पेश करते हैं। हाल में आयोजित मालाबार रिवर फेस्टिवल, वायानाड स्पलैश मॉनसून कार्निवल इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।‘‘

कला के शौकीनों के लिए, राज्य में फोर्ट कोच्चि की बेहद सुंदर गलियां और कोच्चि मुजिरिस बाइनेले के तीर्थस्थान ने आज समसामयिक भारतीय कला के परिदृश्य को बदल दिया है। इससे कोच्चि को भारत की कला राजधानी बनाने में मदद मिली है। उन इतिहास प्रेमियों के लिए मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट है जो खुद को दूसरे युग में ले जाने की चाहत रखते हैं। पहली सेंचुरी बीसी से कालीमिर्च, सोने, सिल्क और आइवरी से लेकर अरब, रोमन एवं इजिप्टियन की पेशकश करने वाले एक फलते-फूलते ठिकाने के अवशेष आज भारत में सबसे बड़े हेरिटेज संरक्षण प्रोजेक्ट के तौर पर 25 संग्रहालयों में संरक्षित किये गये हैं। ऐतिहासिक क्षेत्र में एक और पेशकश है स्पाइस रूट कलनरी फेस्टिवल जिसमें 2000 साल पुराने प्राचीन समुद्री लिंक और 30 देशों के साथ साझा कलनरी परंपराराओं की याद दिलाई जाती है।

राज्य में 2016 के दौरान घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गई। 2016 में आये विदेशी पर्यटकों की संख्या 10,38,419 रही और इसमें पिछले साल की तुलना में 6.5 फीसदी की बढ़त हुई। वहीं घरेलू पर्यटकों की संख्या 5.67 फीसदी की बढ़त के साथ 1,31,72,535 पहुंच गई। कुल राजस्व में भी पिछले साल की तुलना में 11-12 फीसदी का उछाल देखने को मिला।

डॉ. वेणु वी, प्रधान सचिव (पर्यटन) ने कहा, ‘‘केरल में सभी के लिए कुछ न कुछ अवश्य है। हमारे डिजिटल मार्केटिंग प्रयासों का उद्देश्य घरेलू पर्यटकों की संख्या को और बढ़ाना है। हमने एक वर्चुअल गाइड-माया को पेश करने के लिए व्हाट्सऐप्प सहित कई प्लेटफॉर्म को एक्स्प्लोर किया है। यह गाइड केरल में पर्यटन के लेकर सभी सवालों का जवाब देती है और हम एक ऐप्प गोकेरल भी लेकर आये हैं। यह ऐप्प ड्रीम हॉलिडे की योजना बनाने में मदद करता है। इस रोडशो के साथ हमारा लक्ष्य केरल को ऐसे डेस्टिनेशन के तौर पर प्रस्तुत करना है जोकि हर तरह के पर्यटक को सेवायें दे सके।‘‘

मालाबार, जिसे अरब समुद्र का प्यार मिला है और जिसकी रक्षा वेस्टर्न घाटों द्वारा की जाती है, मसालेदार मोप्लाह क्विज़ीन का घर है। कन्नूर में आगामी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के साथ, केरल टूरिज्म मालाबार को राज्य का नया टूरिज्म स्थान बनाने का इच्छुक है। मालाबार की सीमायें कोयंबटूर, कुर्ग और मैसूर से जुड़ी हुई हैं।
घरेलू बाजार तक पहुंचने के लिए, इस साल कोयंबटूर, मैसूर, गुरूग्राम, अमृतसर, लखनऊ, कानपुर, भोपाल, वडोदरा, राजकोट, अहमदाबाद और नागपुर में विभिन्न रोड शोज का आयोजन किया जा रहा है।

इस रोडशो में केरल के पारंपरिक कला स्वरूपों एवं इसके पर्यटन उत्पादों के सांस्कृतिक जश्न का संयोजन किया गया है। गुरूग्राम में आयोजित होने वाला यह रोडशो शहर में पर्यटन व्यापार के लिए अवसर मुहैया करायेगा और उन्हें केरल के 70 से अधिक पर्यटन उद्योग कंपनियों के साथ बात करने का मौका मिलेगा। धृष्य थालम, एक दार्शनिक कहानी जोकि केरल के विभिन्न कलास्वरूपों को दिखाती है, को ग्रामीण जीवन एवं भगवान की भूमि की कथाओं के साथ प्रस्तुत किया जायेगा।

विस्तृत जानकारी केरल टूरिज्म की वेबसाइट पर पाई जा सकती है। अथवा संपर्क करें : contact@keralatourismmarketing.org

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार