नई दिल्ली। थाईलैंड की गुफा में फंसे फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मगर, इस काम में लगी भारतीय टीम की उपलब्धि भी कम नहीं है। भारत के इस योगदान की सराहना भारत में थाईलैंड के राजदूत ने मिशन पूरा होने के बाद की।
23 जून को भारी बारिश की वजह से पानी भर जाने की वजह से 12 बच्चे और उनके कोच गुफा में फंस गए थे। गुफा से पानी निकालने के लिए पुणे के हेडक्वार्ट्स की फर्म ने बच्चों के बचाव अभियान के लिए टेक्निकल सपोर्ट दिया था।
भारतीय दूतावास ने थाईलैंड के अधिकारियों से कहा था कि वे किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की विशेषज्ञता का उपयोग गुफा से पानी को निकालने में कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी ने भारत के कार्यालय से एक टीम को थाईलैंड भेजा था। वे पांच जुलाई को मौके पर पहुंच गए थे और उन्होंने गुफा से पानी निकालने के लिए अपनी तकनीकी जानकारी और सुझाव दिए।
कंपनी ने कहा कि केबीएल ने चार स्पेशलाइज्ड हाई कैपेसिटी ऑटोप्राइम डी-वॉटरिंग पम्प्स को मुहैया कराने की पेशकश भी की थी। उन्हें महाराष्ट्र के किर्लोस्करवाड़ी में एयरलिफ्ट करने के लिए तैयार रखा गया था। आखिरकार बचाव दल ने 18 दिनों तक गुफा में फंसे रहने के बाद आखिरी पांच सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया।
किर्लोस्कर की टीम को पांच जुलाई को बेहद खराब मौसम में चार किलोमीटर लंबी गुफा से पानी निकालने के काम पर लगाया गया था। यह काम आसान नहीं था क्योंकि गुफा में 90 डिग्री तक के मोड़ थे। इसके अलावा लगातार हो रही बारिश की वजह से भी गुफा में पानी का स्तर कम नहीं हो रहा था। जनरेटर भी लगातार नहीं चलाए जा रहे थे, लिहाजा टीम ने छोटे पंप इस्तेमाल किया।