इस्लाम के दीपक–
इस्लाम के दीपक पुस्तक सर्वप्रथम उर्दू में “मसाबीहुल इस्लाम” के नाम से प्रकाशित ही थी। इसका कालांतर में हिंदी अनुवाद “इस्लाम के दीपक” के नाम से प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक के लेखक पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और संस्कृत भाषाओँ के प्रकांड पंडित थे। पंडित जी का प्रिय विषय दर्शन था। वैदिक दर्शनों में उनका लेखन आस्तिकवाद, अद्वैतवाद, फिलॉसफी ऑफ़ दयानन्द आदि पुस्तकों से लेकर सैकड़ों लेखों के रूप में मिलता हैं। वहीं यह पुस्तक इस्लाम सम्बंधित दार्शनिक विषयों के चिंतन का परिणाम है। इस पुस्तक का प्रयोजन पंडित जी के शब्दों में पढ़िए-
“उन आंदोलनों से है जो हज़रत मुहम्मद साहेब या क़ुरान शरीफ़ के द्वारा मानवी अन्धकार को दूर करने के लिए प्रस्तुत किये गये, इनमें वे कितने सफ़ल हुए,
कितने अपूर्ण रहे और कितने सर्वथा असफ़ल रहे? इन पर मीमांसा करना।”
पंडित जी की पुस्तक की विशेषता यह है कि आपने इस पुस्तक के लेखन में इतनी मीठी भाषा का प्रयोग किया है कि इस्लाम को मानने वाले अनुयायी भी इस पुस्तक को पढ़ने के बाद उनकी प्रशंसा किये बिना न रह सकें। गंभीर से गंभीर विषय को इतने स्पष्ट और साधारण शब्दों में पंडित जी ने प्रकाशित किया है।
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चौदहवीं का चाँद- आज से 140 साल पहले सत्यार्थ प्रकाश में 14वे अध्याय में कुरान की समीक्षा की गई थी। उसी का विस्तार है यह पुस्तक।
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सत्यार्थ प्रकाश का प्रभाव-
सत्यार्थ प्रकाश के कारण कुरान और बाइबल की व्याख्या तक मे बदलाव किया गया। पिछले 100 साल में सत्यार्थ प्रकाश ने क्या बदला इसका संक्षिप्त विमर्श है।
1इस्लाम के दीपक ₹200
2 चौदहवीं का चाँद ₹120
3 सत्यार्थ प्रकाश का प्रभाव ₹80
4 कुरान इस्लाम और हिंसा ₹35
चारों का मूल्य ₹450 (डाक खर्च सहित)
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