कोटा। राष्ट्रीय सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस के अवसर पर, राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा ने अपनी आउटरीच सेवाओं की श्रेणी में एक और नवीन सेवा – “लाईब्रेरी सर्विसेज फॉर टेम्पोरेरी डीसएब्लड” का शुभारंभ किया है। यह सेवा, राजस्थान में अपनी तरह की पहली सेवा है, जो उन लोगों के दरवाजे तक किताबें पहुंचाने का लक्ष्य रखती है जो किसी बीमारी, दुर्घटनाजन्य फ्रैक्चर और इसी तरह की स्थितियों से गुजर रहे हैं। अर्थात अस्थायी असमर्थता के कारण पुस्तकालय का उपयोग नही कर पा रहे हैं |
इस सेवा के अंतर्गत बीमारी से ग्रस्त या किसी दुर्घटना से पीडीत व्यक्ति पुस्तकालय के ओपक से पुस्तक सर्च करके पुस्तकालय के वोलीएंटीयर पुस्तकाय सेवी नरेंद्र शर्मा (9414674746)एवं बिगुल कुमार जैन (7877977363)सेवानिवृत उप मुख्य अभियंता तापीय परियोजना के मोबाईल पर आग्रह कर पुस्तके प्राप्त कर सकते है |
संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने इस सेवा की घोषणा करते हुए इसके उद्देश्य पर जोर दिया, जिसमें पुस्तकों के चिकित्सीय उपयोग—बिब्लियोथेरेपी—के माध्यम से तनाव को कम करना और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति पढ़ने के आनंद और आराम से वंचित न हो, खासकर जब वे कठिन समय से गुजर रहे हों।”
नरेंद्र शर्मा एवं बिगुल कुमार जैन जैसे स्वयंसेवक इस नेक कार्य का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि अस्थायी विकलांग पाठकों को उनकी किताबें समय पर और देखभाल के साथ मिलें। शर्मा ने व्यक्त किया, “यह देखकर दिल को सुकून मिलता है कि हमारा समुदाय जरूरत के समय एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए एकजुट हो रहा है।”
डॉ शशि जैन सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष ने बताया कि यह अभिनव सेवा चंडीगढ़ के टीएस स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी के सफल मॉडल से प्रेरित है, जो कोटा के लोगों पर समान सकारात्मक प्रभाव डालने का वादा करती है। जरूरतमंदों के घरों तक पुस्तकालय सेवाओं का विस्तार करके, यह पहल न केवल साक्षरता को बढ़ावा देती है बल्कि सामुदायिक समर्थन और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करती है।
राजस्थान में अपनी तरह की पहली सेवा के रूप में, कोटा सार्वजनिक पुस्तकालय की नई पहल उम्मीद की किरण और कठिनाइयों के समय में समुदाय द्वारा संचालित समर्थन की शक्ति का प्रतीक बनने के लिए तैयार है।