मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इस माह 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ कुंभ का रंग धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। एक तरफ जहां साधु-संतों के दल पहुंचने लगे हैं, वहीं अन्य तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी चल रहे हैं। आवाहन अखाड़े में रविवार शाम 121 फीट लंबी अगरबत्ती वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जलाई गई। चालीस क्विंटल वजनी अगरबत्ती सिंहस्थ के दौरान जलती रहेगी। अखाड़े के महंत भोलागिरी महाराज ने अगरबत्ती का निर्माण गुजरात में कराया था।
यह अगरबत्ती सिंहस्थ की अवधि में जलती रहेगी और सुगंध बिखेरेती रहेगी।
सिंहस्थ क्षेत्र के बड़नगर मार्ग पर स्थित पंडाल में आवाहन अखाड़ा के भोलागिरी ने रविवार की शाम को अन्य साधु-संतों की मौजूदगी में गुजरात से बनकर आई इस अगरबत्ती में आग लगाई गई। इस अगरबत्ती का वजन लगभग चार हजार किलोग्राम है। इस अगरबत्ती के निर्माण में गाय के गोबर, गोमूत्र, गाय के घी, बांस, गूगल, दही, नारियल के जटा आदि का इस्तेमाल किया गया है। इस अगरबत्ती को गुजरात से ट्रक के जरिए उज्जैन लाया गया है। इस अगरबत्ती को बनाने में करीब तीन लाख रुपये की लागत आई है।
अखाड़े के महंत भोलागिरि बापू ने बताया कि शिवलहरी अगरबत्ती पंचगव्य से तैयार की गई है। चालीस क्विंटल वजनी अगरबत्ती को तैयार करने में 70 दिन लगे। साढ़े तीन फीट मोटाई वाली अगरबत्ती की लंबाई 121 फीट है। इसमें किसी तरह का केमिकल नहीं मिलाया गया है। बापू ने बताया कि करजन (बड़ोदरा) में इसके पहले अखाड़े की ओर 108 फीट लंबी अगरबत्ती जलाई जा चुकी है। महंत बापू ने बताया कि सवा चार लाख रुपए अगरबत्ती बनाने पर खर्च हुए हैं। बड़नगर रोड स्थित अखाड़े की भूमि पर अगरबत्ती को ट्रॉले से उतारने में सौ से अधिक लोगों को हाथ लगाना पड़ा।