इससे पहले कि वह अपनी बद़जबानी से आपकी हिंदी समर्थक की इमेज को और नुकसान पहुँचायें, बेहतर हो कि प्रधान मंत्री नरेंद मोदी अपने छोटे मंत्री (सेनि जनरल) वी.के. सिंह की वेंâद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दें। १०वें विश्व हिंदी सम्मेलन, भोपाल के संदर्भ में जन. सिंह ने कहा है कि “अब तक लोग आते थे, लड़ते थे, आलोचना करते थे और वह खत्म हो जाता था। साहित्यकार खाना खाते थे और शराब पीकर किताब का पाठ करते थे। इस बार ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इस बार उस तरह के लेखकों को निमंत्रण ही नहीं भेजा गया है।”
उनका यह बयान न सि़र्पâ आपत्तिजनक और झूठ का पुलिंदा है, बल्कि हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकारों, पत्रकारों, हिंदी सेवियों और उन तमाम हिंदी साधकों का घोर अपमान भी है, जिन्होंने पिछले नौ सम्मेलनों में अपना सार्थक योगदान देकर विश्व स्तर पर हिंदी को आज की दसवीं मं़िजल पर पहुँचाया है।
हमें पिछले सभी सम्मेलनों की कार्यवाही में भागीदारी करने अथवा उसकी गहरी जानकारी होने का सौभाग्य प्राप्त है। किसी भी पिछले सम्मेलन में आमंत्रित या अनामंत्रित साहित्यकार केवल “खाना” खाते, आपस में “लड़ते”, “शराब पीकर किताब का पाठ करते” न देखे न सुने गये। मगर झूठ तो छोटे मंत्री (सेनि जनरल) वी.के. सिंह की घुटी में है। एक झूठ का बावेला उन्होेंने अपनी उम्र को लेकर मचाया, और अब पूर्व विश्व हिंदी सम्मेलन के आमंत्रितों के प्रति उनका यह गैऱजिम्मेदाराना बयान है, जो सरासर सपेâद झूठ है। यह हिंदी भाषा का अपमान है।
Nautiyalji Namaskar. Bahut achha message likha hai PM ke Naam.
Noted Journalist and Respected Name in the Hindi World Mr.Nandkishore Nautiyal has rightly pointed towards the wrong and misleading statent of Minister of State Mr.V.K.Singh.