नई दिल्ली।
जाने-माने भाषाविद् और शिक्षाविद् डा. प्रमोद भट्टाचार्य का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। उनके परिवार में चार पुत्र हैं। भट्टाचार्य ने बोड़ो भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने की दिशा में खास पहल की थी।
उन्होंने भारतीय-तिब्बती भाषाओं पर भी व्यापक शोध किया था। वे गुवाहाटी के बी. बरुआ कॉलेज में प्रिंसिपल रहे थे। असम साहित्य सभा की ओर से मिले साहित्याचार्य सम्मान के अलावा भट्टाचार्य को जीवनकाल में कई सम्मानों से नवाजा गया था। गौहाटी विश्वविद्यालय ने उनको मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था। असम साहित्य सभा समेत विभिन्न संगठनों, साहित्यकारों व शिक्षाविदों ने भट्टाचार्य के निधन पर गहरा शोक जताया है।