नई दिल्लीः वडोदरा के जाने माने पुष्टिमार्गीय इंटीरियर डिजाइनर ब्रजेश शाह और इनकी टीम ने सात साल की मशक्कत के बाद देश की सबसे कीमती श्रीमद भगवद् गीता तैयार की है. इस भगवद् गीता में बेशकीमती हीरे और 24 कैरेट के सोने का इस्तेमाल किया गया है. बता दें विश्व के सबसे प्राचीन धर्म ग्रंथों में से एक श्रीमद भगवद् गीता की ऐसी प्रति बनाने के लिए व्रजेश शाह ने काफी मशक्कत की है. इसके लिए उन्होंने विदेशों से सामान इकट्ठा किया और फिर इसे बनाने की शुरुआत की. इसमें लगी मेहनत और इसकी कीमत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसे तैयार करने में कारिगरों को एक-दो नहीं बल्कि पूरे सात साल लगे हैं.
इस भगवद गीता को बनाने के लिए वृजेश शाह ने जर्मनी से कागज, जापान से स्याही और ऑस्ट्रिया से हीरे मगाए थे, जिनका इसमें इस्तेमाल किया गया है. गौरतलब है कि काफी कीमती इस धर्मग्रंथ की पहली कॉपी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बेंगलुरू में दी गई थी. तब वो भी इसे देखकर काफी अचंभित हो उठे थे. देश के नामी उद्योगपति मुकेश अंबानी का परिवार भी व्रजेश शाह की कला का कायल है. उनसे लेकर देश के अलग अलग कोने में बसे वैष्णव जन के पास इस भगवद् गीता का ग्रंथ पहुंचे इसके लिये जो प्रोजेक्ट हाथ मे लिया गया इसकी कीमत करीबन 22 करोड़ रुपये से ज्यादा की है.
बता दें इस भगवद् गीता को तैयार करने में व्रजेश शाह ही नहीं इनके साथ और भी कई लोगों की मेहनत शामिल है. वृजेश शाह के साथ कुल मिलाकर 26 लोगों ने श्रीमद भगवद गीता को तैयार करने में अपनी जी-जान लगा दी है. इसे तैयार करने में लग रहे समय को नजरअंदाज कर सबने सिर्फ इसके बनने पर ध्यान केंद्रित किया. बता दें इस भगवद् गीता का वजन करीबन 16 किलो से भी ज्यादा है. भारत मे इस ग्रंथ की कीमत 38000 रुपये होगी. वहीं हिंदी के अलावा यह श्रीमद भगवद् गीता को अंग्रेजी, और संस्कृत में ट्रांसलेट भी किया गया है, जिससे इस ग्रंथ की पहुंच अन्य भाषा वाले लोगों तक आसानी से हो पाये.