पूर्व हॉकी खिलाड़ी व पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान के एक बयान ने नया विवाद खड़ा दिया है। उन्होंने गुरुवार को एक समारोह के दौरान कहा कि भारत रत्न तो 'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद को मिलना चाहिए था, लेकिन यह सचिन तेंडुलकर को मिला। तेंडुलकर को भारत रत्न केवल इसलिए मिला, क्योंकि मुंबई के उद्योगपति, माफिया और बड़े-बड़े लोग उनका समर्थन कर रहे थे। क्रिकेट तो सिर्फ मुंबई का खेल है। सचिन दो दशक तक भारत नहीं बल्कि रिकॉर्ड बनाने के लिए क्रिकेट खेला। यदि विराट कोहली को भी लगातार 20 साल टीम में रखने का आश्वासन दे दिया जाए तो वह भी सचिन के बराबर शतक और रिकॉर्ड बना लेगा।
एक समारोह में कानपुर पहुंचे असलम शेर खान ने कहा कि ध्यानचंद को भारत रत्न केवल इसलिए नहीं मिला क्योंकि वे गरीब थे। खेल के नाम पर क्रिकेट को बढ़ावा दिया जा रहा है। सब कुछ स्पॉन्सर्स के पैसे पर चल रहा है। विदेशी कोचों को करोड़ों रुपए दिए जा रहे हैं।
हॉकी की बुरी हालत पर खान ने निराशा जाहिर करते हुए खान ने कहा कि इस खेल का रेप कर दिया गया है। इसने खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और यही कारण रहा कि हॉकी खत्म सी हो गई है। यूरोपीय देशों ने साजिश के तहत इसके नियमों में बदलाव किए लेकिन भारत-पाक के लोग इसे नहीं भांप सके। यदि समय पर इसका विरोध किया जाता तो आज हम किसी अलग मुकाम पर होते। हॉकी कुदरती घास पर खेली जानी चाहिए। यह समय की मांग है। सरकार भी हॉकी पर कोई चर्चा नहीं करती। पीएम मोदी को झाड़ू की जगह हॉकी उठाना चाहिए और इसको बढ़ावा देने पर काम करना चाहिए।