मुंबई। संसद में एससी-एसटी ऐक्ट विधेयक पारित करने पर सवर्ण नेताओं की खामोशी सवर्ण समाज में नाराजगी का सबब बन रही है। मुंबई में सर्व सवर्ण समाज की महापंचायत ने बैठक कर सवर्ण नेताओं के विरोध का निर्णय लिया है।
बैठक में फैसला लिया गया कि सर्वण समाज सभी दलों के सवर्ण नेताओं का बहिष्कार करेगा। सांसदों का घेराव कर उन्हें जगाया जाएगा। बैठक में शांति पूर्ण तरीके से मोर्चा निकालने पर भी सहमति बनी। बैठक में अधिकांश लोगों ने नोटा अभियान को आगे बढ़ाने की बात कही।
मोदी सरकार द्वारा एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर विधेयक पारित करने के खिलाफ उत्तर भारत में जोरदार आंदोलन शुरू है। उसका असर मुंबई और आसपास के इलाके में दिखाई देने लगा है। मुंबई के करीब मीरा रोड के शिवारगार्डेन में सर्व सवर्ण समाज ने महापंचायत की बुलाई।
महापंचायत का मानना है कि इस कानून में संशोधन कर मोदी सरकार सर्वणों और दलितों को आपस में लड़ाना चाहती है। शिक्षा जगत से जुड़े जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश में बहुत से कानून हैं जिनमें बदलाव की जरुरत है, लेकिन मोदी सरकार उनमें बदलाव नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी इस कानून में संशोधन किया गया।
अखंड राजपूताना सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि आज पूरे देश के सवर्णों में एससी-एसटी ऐक्ट के काले प्रावधान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारा किसी सरकार से विरोध नहीं है हमारा विरोध इस काले कानून से है जिसके जरिए समाज के दो तबकों को लड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में शामिल क्षत्रीय महासभा के प्रभाकर सिंह बब्बू ने कहा कि ये हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है। दूसरों को नुकसान पहुंचाए बिना हम उनकी सुरक्षा चाहते हैं इसलिए हम एससी एसटी ऐक्ट में संशोधन का विरोध करते हैं।