कोटा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 4 से 10 अक्टूबर की श्रंखला में अरिहंत नर्सिंग कालेज में इस वर्ष की थीम ” मानसिक स्वास्थ्य को वैश्विक प्रत्मिकता” के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी में मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी, उपचार, रोकथाम एवं बीमारी की विस्तृत जानकारी दी गई |
वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. एम. एल. अग्रवाल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के निवारण में सामाजिक अभिशाप की मुख्य भूमिका है |आपने स्लाइड शो तथा पावर पाइंट के माध्यम से बताया कि स्किजोफ्रेनिया बीमारी अनुवांशिक एवं केमिकल असंतुलन से होती है | इस बीमारी में रोगी को आवाज़े सुनाई पड़ती है| बिना किसी कारण के शक बहम होने लगता है | कई बार लगता है कि लोग नुकसान पहुचाएंगे, कोई मेरा पीछा कर रहा है, किसी ने जादू-टोना कर दिया है ।
डॉ अग्रवाल ने ऐसे तमाम लक्षणों के बारे में बताया साथ ही मरीज से किस प्रकार व्यवहार, देखभाल करना है इसकी ऑडियो विजुअल जानकारी दी |
सचिव डॉ अविनाश बंसल ने कहा कि 50 फीसदी मानसिक समस्या 15 वर्ष की उम्र से पूर्व और 75 फीसदी तक 25 वर्ष से पूर्व हो जाती है | युवाओ को तनाव मीडिया सामाजिक परिवेश, अनुवांशिक कारणों से यह रोग होते है | इनकी रोकथाम का सरल और सुलभ तरीका है 8 घंटे की नींद, जीवन जीने की कला, व्यायाम, फ़ास्ट फ़ूड तलाभुना से परहेज़ तथा पेरेंट्स की बात सुनना |
प्रेस समन्वयक सुधींद्र गौड़ ने बताया कि संगोष्ठी के अंत में आज की वार्ता पर आधारित प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई जिसमे सफल विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया | संगोष्ठी के प्रारम्भ में कालेज प्राचार्य नरेश सोनी तथा उपाचार्य महावीर नागर ने डॉ. अग्रवाल तथा डॉ बंसल. का स्वागत किया। अंत में सीनियर फैकल्टी पवन नागर एवं मनोज जैन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी गोष्ठिया निरंतर आयोजित होनी चाहिए ताकि मेडिकल क्षेत्र के विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास हो सके |
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