मुंबई। महान अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा और 6 रसूखदारों का अवैध निर्माण को मनपा ने नियमित करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को पी दक्षिण मनपा वॉर्ड कार्यालय के पद निर्देशित अधिकारी और सहायक अभियंता ने एक पत्र के द्वारा हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुए पत्र में पी दक्षिण मनपा वॉर्ड कार्यालय के पद निर्देशित अधिकारी और सहायक अभियंता ने साफ़ किया हैं कि अमिताभ बच्चन और अन्य लोगों ने किया हुआ अवैध निर्माण को एमआरटीपी 53(1) कानून के तहत नोटीस जारी की थी। उसके बाद मालिक /निवासी/विकासक की ओर से आर्किटेक्ट शशांक कोकीळ अँड असोसिएट्स ने दिनांक 5 जनवरी 2017 को मंजूर प्लान में जो काम नहीं था इसे मंजूर करने के लिए संशोधित प्लान मंजुरी के लिए कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग के समक्ष पेश किया था उसके बाद कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग की ओर से अवैध निर्माण को नियमित किया गया।
गोरेगांव पूर्व में 7 बंगले हैं।.पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी ऐसे 7 लोगों को मंजूर प्लान नुसार जांच में पाई अनियमितता को पूर्ववत करने के लिए एमआरटीपी की नोटीस 7 दिसंबर 2016 को जारी की। एमआरटीपी की नोटीस के बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने 5 जनवरी 2017 को पेश किया प्रस्ताव 17 मार्च 2017 को इमारत व प्रस्ताव विभाग ने नामंजुर कर दिया इसको लेकर इमारत व प्रस्ताव विभाग ने 11 अप्रैल 2017 को पी दक्षिण कार्यालय को अधिकृत तौर पर जानकारी देते ही 6 मई 2017 को पी दक्षिण कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए अवैध निर्माण स्वयं से निकालने की हिदायत दी। इसके बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने दोबारा प्रस्ताव पेश किया।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री और मनपा आयुक्त को पत्र भेजकर ताबडतोब एमआरटीपी कानून के तहत कारवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की थी लेकिन इस अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए ही मनपा ने एमआरटीपी प्रक्रिया को धीमी करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। इमारत प्रस्ताव विभाग के कुछ अधिकारियों को अवैध निर्माण को नियमित करने के प्रयास को सफलता मिलने की टिप्पणी अनिल गलगली ने की हैं। ग़रीबों की झोपडी पर बुलडोजर चलनेवाली मुंबई महानगरपालिका रसूखदारों के अवैध निर्माण को नियमित करने में स्वयं को धन्य मानती हैं। इसपर अनिल गलगली ने नाराजगी जताई हैं।