टीवी, अखबारों या अन्य किसी माध्यम के जरिए जो विज्ञापन आप देखते हैं, क्या वे 100 प्रतिशत सही होते हैं? इस सवाल का जवाब तो विज्ञापनों पर नजर रखने वाली भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) की जारी की गई ताजा रिपोर्ट से मिल जाता है, कि कैसे कंपनियां आपको भ्रामक विज्ञापन दिखा कर धोखा दे रही हैं?
दरअसल, ASCI द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि उसे इस साल मार्च महीने में उसकी उपभोक्ता शिकायत परिषद यानी CCC को 280 शिकायतें मिली, जिनमें से 214 शिकायतें सही पायी गईं। यानी ये विज्ञापन अपने दावों के अनुरूप नहीं थे। इन कंपनियों में दूरसंचार क्षेत्र की भारती एयरटेल, स्नैपडील, फ्रेंकलिन एविएशन सर्विसेस, महेश खाद्य तेल उद्योग, एशियन पेंट्स और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स आदि कई कंपनियां शामिल हैं।
परिषद ने बताया कि मार्च में जिन 214 शिकायतों क सही पाया गया उनमें से स्वास्थ्य क्षेत्र की 175, शिक्षा क्षेत्र की 21, खाद्य एवं पेय क्षेत्र की सात और अन्य 11 शिकायतों को सही पाया गया। CCC ने दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के तीन विज्ञापनों को भ्रामक पाया, जिनमें 12 महीने के लिए मुफ्त डाटा और असीमित समय के लिए मुफ्त में स्थानीय और एसटीडी कॉल के विज्ञापन भ्रामक थे। इसी प्रकार एलजी के एयरकंडीशन के विज्ञापन, स्नैपडील के कीमत की गलत जानकारी देने वाले एक विज्ञापनों और एशियन पेंट्स के एक विज्ञापनों को भ्रामक पाया है, तो वहीं एयर होस्टेस का प्रशिक्षण देने वाली कंपनी फ्रेंकलिन एविएशन सर्विसेस का इस क्षेत्र की विश्व की नंबर-1 कंपनी होने का दावा झूठ निकला।
अधिक चिकनाई, चीनी और नमक वाली खाने पीने की चीजें बनाने वालों पर पैनी निगाहें रखते हुए खाद्य नियामक एफएसएसएआई (FSSAI) की एक समिति ने ऐसे उत्पादों पर कर लगाने, ठप्पा लगाने के नियम कठोर करने और बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान इनके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने जैसे तमाम उपायों की सिफारिश की है।
साभार- http://samachar4media.com/ से