शीना बोरा मर्डर केस में चार साल की सजा काट चुके मीडिया टाइकून पीटर मुखर्जी ने टेलिविजन इंडस्ट्री में अपने दिनों को याद करते हुए एक संस्मरण जारी किया है। ‘Starstruck: Confessions of a TV Executive’ नाम से जारी इस संस्मरण में ‘स्टार इंडिया’ (Star India) के पूर्व सीईओ मुखर्जी ने इंडस्ट्री में अपने अनुभवों और तमाम उथल-पुथल के बारे में बताया है। हालांकि, इस किताब से ऐसे लोगों को कुछ निराशा हो सकती है, जो उम्मीद कर रहे थे कि मुखर्जी अपनी सौतेली बेटी शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बिताए गए समय के बारे में जानकारी शेयर करेंगे। इसके बजाय मुखर्जी ने इस संस्मरण में इंडस्ट्री में अपनी तीन दशक लंबी यात्रा का जिक्र किया है, जिसने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं। मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक द्वारा अधिग्रहीत किए जाने के एक दिन बाद मुखर्जी ने स्टार इंडिया जॉइन किया था।
अपने संस्मरण में मुखर्जी लिखते हैं कि 90 के दशक की शुरुआत में अमेरिकी शो ‘बेवॉच’ (Baywatch) जैसे शोज का बोलबाला था। लेकिन यह सोच भारत में काम नहीं कर रही थी। उस समय मर्डोक ने मुखर्जी को एक छोटे टीवी चैनल को दुनिया के बड़े चैनल के रूप में विकसित करने का काफी मुश्किल काम सौंपा। मुखर्जी के इस संस्मरण के अनुसार, वास्तविकता में न तो मर्डोक और न ही स्टार के संस्थापक रिचर्ड ली ने भारत से बहुत उम्मीद की थी, क्योंकि उनकी नजर में यह उनके व्यापार मॉडल के लिए उपयुक्त बाजार नहीं था।
अपनी किस किताब में स्टार इंडिया से जुड़ी आकांक्षाओं और इसे ऊंचाई तक ले जाने के दौरान अपने संघर्षों का जिक्र किया है। मुखर्जी के अनुसार, ’मैं चाहता था कि स्टार टीवी को मीडिया इंडस्ट्री में पसंदीदा नियोक्ता के रूप में देखा जाए, खासकर भारत में।’ कर्मचारियों की नजर में स्टार की प्रतिष्ठा मुखर्जी के लिए महत्वपूर्ण थी। उनका मानना था कि कर्मचारियों का सम्मान देश में एक शानदार ब्रैंड के रूप में स्टार इंडिया के निर्माण के दीर्घकालिक कार्य में मदद करेगा।
अपनी किताब में मुखर्जी लिखते हैं कि प्रतिष्ठित शो कौन बनेगा करोड़पति को शुरू में एक लाख के पुरस्कार के साथ कौन बनेगा लखपति का नाम दिया गया था, लेकिन दर्शकों की रुचि बढ़ाने के लिए मर्डोक ने खुद इस राशि को एक करोड़ बढ़ा दिया था। मुखर्जी ने स्टार के साथ एकता कपूर के दिनों को भी याद किया जिन्होंने अपने धारावाहिकों के द्वारा भारतीय टेलिविजन इंडस्ट्री में क्रांति ला दी थी। अपने इस संस्मरण में मुखर्जी ने अपने कुछ पूर्व साथियों का भी जिक्र किया है, जो आज इंडस्ट्री में काफी ऊंचाइयों पर हैं। इनमें राज नायक, मोनिका टाटा, अजय विद्यासागर, सिद्धार्थ रॉय कपूर, विकास खनचंदानी जैसे नाम शामिल हैं।
एक मीडिया टाइकून के रूप में मुखर्जी के बीते दिनों पर इस किताब को वेस्टलैंड ने पब्लिश किया है। 296 पेज के इस संस्मरण को पिछले दिनों जारी किया गया है।
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