Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeमनोरंजन जगतशंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव में फिल्म निर्माण पर सार्थक चर्चा

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव में फिल्म निर्माण पर सार्थक चर्चा

मुंबई में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव का चौथा दिन भारत में ‘फिल्म निर्माण और सुविधा’ विषयवस्तु पर एक आकर्षक पैनल चर्चा के साथ शुरू हुआ। इस चर्चा में प्रसिद्ध निर्माता जैसे कि आशीष सिंह व अर्फी लाम्बा (बॉम्बे बर्लिन फिल्म प्रोडक्शन्स), भारत सरकार के संयुक्त सचिव (फिल्म) व राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार और महाराष्ट्र फिल्म, रंगमंच व सांस्कृतिक विकास कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. अविनाश ढाकने शामिल थे।

संयुक्त सचिव पृथुल कुमार ने फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) की भूमिका को रेखांकित किया। यह कार्यालय फिल्म शूटिंग स्थानों की एक सूची उपलब्ध करवाने के साथ भारत में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों में छूट प्रदान करता है। वहीं, डॉ. अविनाश ढाकने ने महाराष्ट्र जैसे संपन्न उद्योग वाले राज्यों में भी अमरावती और मेलघाट जैसे नए अनदेखे फिल्म निर्माण स्थानों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने गांव के फिल्म निर्माण स्थानों के माध्यम से गांव के पर्यटन को फिर से जीवित करने का भी विचार रखा। डॉ. ढाकने ने आगे कहा कि नकद प्रोत्साहन प्रदान करने और दक्षिण भारतीय निर्माताओं को उत्तर भारतीय राज्यों में शूटिंग करने को लेकर आकर्षित करने की जरूरत है, जिससे हमारा उद्योग सही मायने में अखिल भारतीय बन सके।

निर्माता आशीष सिंह ने बताया कि फिल्म शूटिंग में सुगमता के अतिरिक्त एफएफओ द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं जैसे कि छूट और स्थानों की एक सूची वास्तव में निर्माताओं की मांग के बिलकुल अनुरूप है। उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे ऑस्ट्रिया और ब्रिटेन इस प्रक्रिया में अभिनेता/निर्देशक की फीस पर छूट और क्रू (फिल्म निर्माण में शामिल कर्मियों का दल) के खर्च पर छूट आदि देकर आकर्षक विदेशी फिल्म-निर्माण स्थल बन गए हैं। आशीष सिंह ने आगे दोनों देशों के बीच सह-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन सरकार के साथ कर संधियों का उपयोग करने का सुझाव दिया। अर्फी लाम्बा ने बताया कि भारत में सभी तरह के फिल्म निर्माण स्थल हैं, इसके बावजूद उत्तर-पूर्वी भारत जैसे सुदूर क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है। इसे देखते हुए उन्होंने बेहतर लॉजिस्टिक्स और क्रू की सुविधा आदि के रूप में शूटिंग में सुगमता की जरूरत को रेखांकित किया।

पृथुल कुमार ने भारतीय फिल्म निर्माण में वीएफएक्स की उभरती भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही चर्चा का समापन किया गया। इसके अलावा उन्होंने इन्वेस्ट इंडिया पोर्टल को बढ़ावा देने, इसे विदेशी दूतावासों के साथ एकीकृत करने और भारत को फिल्म निर्माण स्थल के रूप में बढ़ावा देने को लेकर मंजूरी प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की जैसे सरकारी कदमों का भी उल्लेख किया।

Follow us on social media:@PIBMumbai /PIBMumbai /pibmumbai pibmumbai[at]gmail[dot]com /PIBMumbai /pibmumbai

* * *

एमजी/एएम/एचकेपी/एसके

(रिलीज़ आईडी: 1894811) आगंतुक पटल : 74

इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Marathi , Tamil , Kannada

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार