Saturday, November 16, 2024
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मीडिया चौपाल का अगला आयोजन ग्वालियर में 10-11 अक्टूबर को

मीडिया चौपाल का आयोजन मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के सहयोग से होता रहा है। इस बार राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, भारत सरकार के सहयोग से “राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला -2015″ का आयोजन 10-11 अक्टूबर, 2015 को हो रहा है। यह आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में होना है।

वर्ष 2012 में मीडिया चौपाल का मुख्य-विषय ” -‘‘विकास की बात, विज्ञान के साथ : नये मीडिया की भूमिका’’ जबकि वर्ष 2013 में “जन-जन के लिए मीडिया” मुख्य विषय था। गत वर्ष (2014) दिल्ली में आयोजित मीडिया चौपाल का केन्द्रीय विषय – “नदी संरक्षण” था। इसमें हमें मान्यवर श्री संत सिंचेवालजी, श्री के. एन. गोविन्दाचार्य, श्री सुरेश प्रभु, श्री अनुपम मिश्र, श्री दिनेश मिश्र, श्री प्रभात झा, श्री अनिल माधव दवे, श्री जवाहर लाल कौल, श्री के. जी. सुरेश, डा. मनोज पटैरिया, डा. हेमंत जोशी, श्री हितेश शंकर, श्री आशुतोष भटनागर, श्री उमाकांत उमरांव, श्री जयदीप कर्णिक, श्रीमती सुभद्रा राठौर, श्री विश्वदीप घोष, डा. वी. के. श्रीवास्तव जैसे विद्वानों और विषय विशेषज्ञों का सानिध्य मिला था। गत वर्ष के आयोजन में इंडियन इंस्टीट्युट आफ मास कम्युनिकेशन (नई दिल्ली),माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, इंडिया वाटर पोर्टल, विज्ञान भारती, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र और भारतीय विज्ञान लेखक संघ का संस्थागत सहयोग प्राप्त हुआ था।

इस वर्ष 10-11 अक्टूबर को ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला का केन्द्रीय विषय “नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन” है। इस कार्यशाला में लगभग 150-200 जन-संचारक, पत्रकारों के साथ-साथ मीडिया व जल (नदी) के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

कृपया http://www.spandanfeatures.com/ के मीडिया कार्यशाला सेक्शन मेन पंजीयन जरूर कर दें।

कार्यक्रम विवरण

उद्घाटन सत्र – 10:30 से 12:00 बजे तक चाय

तकनीकी सत्र 1 : 12:15 से 1:30 तक

समानांतर सत्र :
· भारत की नदियां : कल, आज और कल
· मध्यप्रदेश की नदियां : कल, आज और कल
· नदियों का विज्ञान और पारिस्थितकी

भोजन (1:30 से 2:30 तक)
खुला सत्र (2:30 – 3:45 तक) समानांतर सत्रों रिपोर्टिंग और प्रतिभागियों की टिप्पणी
चाय

तकनीकी सत्र – 2 (4:00 से 5:30 बजे तक)

समानांतर सत्र:
जनमाध्यमों में नदियां : स्थिति, चुनौतियां और सम्भावनायें
नदियों का पुनर्जीवन : संचारकों की भूमिका
(रिपोर्टर, स्तम्भ लेखक, फीचर लेखक, ब्लागर, वेब-संचालक, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट, कवि/कवयित्री, साहित्यकार, प्रवचनकार, रंगकर्मी आदि)

नदियों की रिपोर्टिंग : विविध पक्ष – आर्थिकी, अपराध और लोकोपयोग

स्थानीय भ्रमण
दूसरा दिवस – 11.10. 2015
9 बजे से 1 बजे तक : नदी दर्शन
1 से 2 बजे भोजन
2 से 3:30 खुला सत्र : समानांतर सत्रों रिपोर्टिंग और प्रतिभागियों की टिप्पणी
3:30 से 4:00 चाय
समापन सत्र : 4 बजे से 5 बजे तक
नोट: कृपया अपने अपनी रूचि के विषय की तैयारी करके आयें। अपनी रूचि और तैयारी से हमें भी अवगत करायें.

***

संपर्क
(अनिल सौमित्र)

स्पन्दन
ई-31, 45 बंगले, भोपाल-462003, मध्यप्रदेश
0755-2765472
http://spandannews.blogspot.com/?spref=gb

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