मुंबई । किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या को लेकर वर्चुअल वर्ल्ड में तमाम जोक्स और व्यंग्य वायरल हो रहे हैं, लेकिन मुंबई में रविवार को जो हुआ उसने इन्हें भी पीछे छोड़ दिया। ट्रेन में टिकट चेक कर रही एक रेल अधिकारी उस वक्त हैरान रह गई जब बेटिकट यात्रा कर रही एक महिला ने यह कहते हुए जुर्माना भरने से इनकार कर दिया कि सरकार 9000 करोड़ का चूना लगाकर भागने वाले माल्या को तो पकड़ नहीं पा रही है और गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है।
प्रेमलता भंसाली नाम की इस महिला का कहना है कि वह गरीबों की लड़ाई लड़ रहीं हैं। हालांकि यह जरूर है कि वह खुद गरीब नहीं हैं। 44 वर्षीय प्रेमलता दो बच्चों की मां हैं और साउथ मुंबई के भुलेश्वर में एक शानदार फ्लैट में रहती हैं जिसकी कीमत 5 से 7 करोड़ तक है। उनके पति बिजनसमैन हैं।
रविवार को महिला ऐल्फिंस्टन स्टेशन से वापस घर आ रहीं थीं, इसी बीच महालक्ष्मी स्टेशन के नजदीक टिकट चेकर ने उनसे टिकट दिखाने के लिए कहा। प्रेमलता ने टिकट नहीं खरीदा था जिसकी कीमत मात्र 10 रुपये है। उनसे जब इसके लिए 260 रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा गया तो उन्होंने जुर्माना भरने से इनकार करते हुए स्टेशन मास्टर के पास ले जाने के लिए कहा।
महालक्ष्मी स्टेशन मास्टर के कार्यालय पहुंचकर उन्होंने जुर्माना न भरने का जो तर्क दिया उससे सभी भौंचक्के रह गए। प्रेमलता ने कहा कि 9000 करोड़ रुपयों के कर्जदार माल्या देश छोड़कर चले गए लेकिन उनसे अथॉरिटी एक रुपये भी वसूल नहीं कर सकी और मात्र 10 रुपये का टिकट नहीं खरीदने पर गरीबों से भारी जुर्माना वसूला जा रहा है।
दिलचस्प बात तो यह है कि अपनी बात को लेकर रेलवे अधिकारियों के साथ बहस में उन्होंने 12 घंटे खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल भेज दिया जाए ताकि वह अन्ना हजारे की तरह अपना विरोध दर्ज करा सकें या कोर्ट के सामने पेश किए जाने पर वह अपनी बात रख सकें।
रेल अधिकारियों ने कहना है कि उन्हें समझाने की काफी कोशिश की गई लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं हुईं । सीनियर डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर आनंद विजय झा ने कहा, ‘वह अपने परिवार का कॉन्टैक्ट डिटेल भी देने के लिए तैयार नहीं थीं और जेल भेजने की मांग कर रहीं थीं। वह यही रट लगाए हुए थीं कि माल्या देश छोड़कर चले गए लेकिन उन्हें नहीं पकड़ा गया।’
आखिरकार उनके पति रमेश भंसाली को बुलाया गया, लेकिन प्रेमलता ने यह कहते हुए उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया कि वह अपना फैसला खुद ले सकती हैं। हालांकि उन्हें रविवार की देर रात घर जाने दिया गया, लेकिन केस की सुनवाई के लिए उन्हें मंगलवार को बुलाया गया है।
साभार- मुंबई मिरर से