कानपुर (उत्तरप्रदेश) – फतेहपुर के एक मिशनरी स्कूल पर आरोप है कि उसने मेहंदी लगाकर स्कूल पहुंचीं लडकियों को धूप में खड़ा रखा। पत्थरों से रगडकर हाथ की मेहंदी छुडवाई और राखियां काटकर फेंक दीं। मंगलवार को छुट्टी के बाद घर पहुंचीं विद्यार्थीनियोंने ने अपने अभिभावकों को कहानी बताई तो उन्होंने पाठशाला में आकर इसका निषेध शुरु किया । जिसके बाद मौके पर आई पुलिस ने नाराज लोगों को शांत किया। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी है। जांच अधिकारी मोहम्मद सगीर के अनुसार, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
रक्षाबंधन की छुट्टी के बाद जीटी रोड स्थित सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल सोमवार को खुला था। असेंबली के दौरान प्रिंसिपल ने कुछ छात्राओं को हाथों में लगी मेहंदी छुड़ाकर आने को कहा था। आरोप है कि मंगलवार सुबह फिर असेंबली हुई तो प्रिंसिपल सिस्टर सरिता ने क्लास-९ की एक छात्रा को बुलाया और उसके हाथ पर पानी डालकर उसे पत्थरों से रगड़वाया। इससे उसके हाथ से रक्तस्त्राव होने लगा।
कुछ और लडकियों के हाथ में बंधी राखी कटवाकर कूडेदान (डस्टबीन) में डाल दी। उन्हें घंटों धूप में खड़ा रखा गया। छुट्टी के बाद सुबकती छात्राएं घर पहुंचीं और अभिभावकों को पूरा हाल बताया। काफी गुस्से में अभिभावक पाठशाला पहुंच गए और हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि स्कूल जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत कर रहा है। विरोध बढा तो प्रिंसिपल ने खुद को अपने घर में कैद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझाकर बवाल शांत किया।
‘मामले की होगी जांच’
दूसरी तरफ पाठशाला की संचालक संस्था सेंट मैरीज केथोलिक मिशनरी, वाराणसी ने पूरे केस की जांच कराने की बात कही है। वहीं स्कूल प्रिंसिपल सिस्टर सरिता का कहना है, ‘स्कूल में कोई भी धार्मिक चिह्न लेकर या लगाकर आना सख्त मना है। इसके बावजूद लड़कियां मेहंदी लगाकर क्यों आई। प्रॉस्पेक्टस में भी ऐसा लिखा है।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स