दूरसंचार कंपनियों पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क के रूप में सरकार के 17,980.77 करोड़ रुपये बकाया हैं, लेकिन यह राशि अदालती विवादों में फंसी है।
संचार और आईटी राज्यमंत्री मिलिंद देवड़ा ने लोकसभा को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हां, मिलने वाली धन की बड़ी मात्रा कानूनी विवादों में फंसी है। उन्होंने कहा कि ब्याज सहित लाइसेंस फीस के तहत 2,073.02 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम शुल्क के तहत 15,907.75 करोड़ रुपये कानूनी विवादों में फंसे हैं।
विभिन्न कंपनियों में से भारती एयरटेल पर कुल 5,540.68 करोड़ रुपये बकाया है जिसके बाद वोडाफोन पर 3,846.29 करोड़ रुपये, रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 2,422.67 करोड़ रुपये, आइडिया पर 2,029.96 करोड़ रुपये, एयरसेल पर 1,351.51 करोड़ रुपये और टाटा टेलिसर्विसेज पर 1,402.02 करोड़ रुपये का बकाया है।