भाजपा के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मुरली मनोहर जोशी के तीखे तेवरों के सामने मोदी सरकार के दो मंत्रियों को हथियार डालना पड़ा। गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने जहां जोशी से मिल कर नमामि गंगे योजना पर उनका मार्गदर्शन लेने की बात कही, वहीं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा में जल यातायात शुरू करने की योजना के मामले में पर्यावरण हितों का ध्यान रखने का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है कि जोशी ने गंगा सफाई के लिए शुरू की गई नमामि गंगे परियोजना पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि टुकड़ों में सफाई की योजना से गंगा 50 साल में भी साफ नहीं हो पाएगी।
aइस दौरान जोशी ने गंगा में जल परिवहन की गडकरी की योजना को भी खारिज कर दिया। उन्होंने इन परियोजनाओं से जुड़े विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की समझ पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि परिवहन योजना के लिए जरूरी पर्यावरण अध्ययन नहीं कराया गया।
जोशी के तीखे तेवर और मोदी सरकार की ड्रीम परियोजनाओं पर उठाए गए सवाल के जवाब में उमा ने कहा कि वह और गडकरी जल्द ही जोशी से मिल कर इन परियोजनाओं पर उनका मार्गदर्शन लेंगे। उन्होंने कहा कि वह खुद जोशी से पूछेंगी कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है। उनके जो भी सुझाव होंगे, उसे परियोजना में शामिल कराया जाएगा।
दूसरी ओर गडकरी ने भी हथियार डालते हुए कहा कि गंगा में परिवहन की योजना शुरू करने से पहले पर्यावरण हितों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। गडकरी ने भी जोशी से मिल कर उनके सुझाव हासिल करने की बात कही। जोशी के बयान पर भाजपा ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।