Thursday, November 28, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेमोरारी बापू अचानक मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र में पुहँचे

मोरारी बापू अचानक मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र में पुहँचे

देश के जाने-माने कथावाचक मोरारी बापू ने उस वक्त सबको हैरान कर दिया, जब वह मुंबई के कमाठीपुरा की गलियों में घूमते दिखे। मोरारी बापू ने यहां करीब 60 सेक्स वर्कर्स से मुलाकात की और कुछ घरों में भी गए। उन्होंने इन सेक्स वर्कर्स को अयोध्या में आगामी रामकथा समागम में आने का न्योता दिया। इस समागम में वह तुलसीदास की मानस गनिका का वाचन करेंगे, जो तुलसीदास की एक सेक्स वर्कर से बातचीत पर आधारित है।

मोरारी बापू ने अपने सहयोगियों को निर्देश दिया कि इस कार्यक्रम में आने के लिए इन सभी सेक्स वर्कर्स के आने-जाने और रहने-खाने का निशुल्क इंतजाम किया जाए। कथा 22 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलेगी।

‘हम देखना चाहते थे कि वह लगते कैसे हैं’
मोरारी बापू गुरुवार रात करीब 8:30 बजे कमातिपुरा पहुंचे। यहां सेक्स वर्कर्स को बताया गया था कि ‘भगवान का एक आदमी’ उनसे मिलने आ रहा है। एक सेक्स वर्कर ने हमारे सहयोगी मिरर से कहा, ‘इस इलाके में कभी कोई भगवान का आदमी नहीं आता, इसीलिए हम देखना चाहते थे कि वह लगते कैसे हैं।’

सेक्स वर्कर्स के बीच पहुंचे मोरारी बापू

मोरारी बापू के इलाके में पहुंचते ही धीरे-धीरे वहां भीड़ इकट्ठा होने लगी और लोगों ने उनसे अपनी समस्याएं बताईं। लोगों ने बताया कि उन्हें पुलिस बहुत प्रताड़ित करती है, साथ ही ना रहने के लिए अच्छा घर है और ना ही सफाई की व्यवस्था। मोरारी बापू ने सभी को ध्यान से सुना।

मोरारी बापू ने कथा के बारे में बताते हुए लोगों को संबोधित किया और कहा, ‘वासंती ने तुलसीदास को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वह आकर राम के बारे में बताएं। वासंती ने कहा कि समाज ने मुझे अलग-थलग कर दिया है, लेकिन मुझे भरोसा है कि भगवान सबको एक जैसा मानते हैं। तुलसीदास वासंती के घर गए और राम कथा भी सुनाई।’

‘अयोध्या में रामकथा का मंदिर से लेना-देना नहीं’
उन्होंने कहा कि अयोध्या में उनके इस कार्यक्रम का राम मंदिर मुद्दे से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मंदिर पर मेरे विचार एकदम स्पष्ट हैं कि शांति बनी रहनी चाहिए। मानस गनिका का अयोध्या में पाठ इसलिए हो रहा है क्योंकि यह अयोध्या पर ही आधारित है।’

साभार -मुुंबई मिरर से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार