कोटा/खानपुर। दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए, कमजोर दुश्मन ज्यादा खतरनाक होता है, ताकतवर से तो हम सावधान रहते हैं, लेकिन कमजोर दुश्मन कभी भी वार कर सकता है। मां बच्चे के पालन पोषण में सर्वस्व न्योछावर करती है, ग्वाला ऐसा मिल जाएगा जो दूध में पानी नहीं मिला हो, लेकिन अपने बच्चे को मां दूध में पानी इसलिए मिलाकर पिलाती है कि शिशु की सुरक्षा व स्वास्थ्य ठीक रहे। मां की मायाचारी बेटे की सुरक्षा व कल्याण के लिए होती है। यह बात सुधा सागर जी महाराज ने यह बात चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेडी जैन मंदिर खानपुर में चल रहे चातुर्मास के दौरान अमृतमय प्रवचन के दौरान सुधा सागर जी ने कही। उन्होंने सत्य, असत्य, हिंसा, अहिंसा, मायाचारी, समर्पण, त्याग, बलिष्ठ व कमजोर पर अपने प्रवचन में कई कथाओं को समाहित करते हुए कहा कि तलवार में अहिंसा भरना जैन दर्शन की खोज है। देश को बचाने के लिए किसी को मारा जाए तो वह हिंसा नहीं है। उन्होंने शेर व शूकर की कथा के माध्यम से बलवान व कमजोर की व्याख्या करते हुए कहा कि कमजोर शूकर को सदा गुस्सा आता है, जबकि बलिष्ठ शेर कमजोर से सामना करते वक्त सहज रहता है। उन्होंने कहा कि विभीषण श्री राम की शरण में आए, उन्हें रावण ने ठुकराया उसका बचना मुश्किल था इसलिए श्रीराम ने उन्हें शरण देकर उसे बचाया है।
महाराज श्री ने कहा कि गुरु, माता-पिता द्वारा श्रावक के कल्याण के लिए कार्य करते हैं, उन्होंने भगवान राम और भरत की कथा का वर्णन करते हुए, आज्ञा पालन, समर्पण और त्याग की भावना से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि साधु जब भी ठगा जाएगा सहज, सरलता, प्रेम में ठगा जाएगा। सारा जगत साधु के सत्य सरलता को जानता है, उन्होंने भगवान कृष्ण व बर्बरीक की कथा का भी वर्णन किया। चांदखेडी के अध्यक्ष हुकम जैन काका ने बताया कि मुनि संघ के सानिध्य में चल रहे प्रवचन जगत का कल्याण कर रहे हैं, दूर दराज से आ रहे श्रावक अभिभूत होकर प्रवचन का आनंद ले रहे हैं और जीवन को सद्मार्ग पर लगा रहे हैं। कमेटी के महामंत्री नरेश जैन वैद, कोषाध्यक्ष गोपाल जैन, अजय बाकलीवाल, महावीर जैन, प्रशांत जैन, कैलाश जैन भाल सहित कमेटी के सदस्यों सहित हर व्यक्ति चातुर्मास में अपना सहयोग कर रहा हैं। मुनि श्री के संघ में मुनि महासागर महाराज, मुनि निष्कंप सागर महाराज, क्षुल्लक गंभीर सागर और धैर्य सागर महाराज की उपस्थिति में श्रावकों का कल्याण हो रहा है।