नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे कठिन दौर से गुजर रही है लेकिन मंत्रालय ने इस स्थिति से निकालने तथा सार्वजनिक परिवहन को वित्तीय रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है। उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में प्रभु ने कहा कि रेलवे कठिन समय से गुजर रही है। यह चुनौतीपूर्ण समय है। लेकिन साथ ही हमें विस्तार जारी रखना है और रेलवे को उन्नत बनाना है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंत्रालय जल्दी ही दीर्घकालीन योजना लेकर आएगा।‘हमने इस स्थिति से बाहर निकलने के लिये व्यापक रणनीति तैयार की है। हम रेलवे को वित्तीय रूप से व्यवहारिक बनाने के लिये काम कर रहे हैं। रेलवे को बेहतर बनाने का विचार है।
प्रभु ने कहा कि इसकी शुरुआत करते हुए हम कमाई बढ़ाने के लिए गैर-प्रशुल्क गतिविधयों पर काम कर रहे है जो पहले कभी नहीं हुआ। इसके अलावा, हमने पूंजी व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की है। रेलवे ने अधिशेष जमीन का उपयोग कर तथा विज्ञापन के जरिए उल्लेखनीय राजस्व प्राप्त करने की योजना बनाई है। सुरेश प्रभु ने कहा कि हम 2030 की योजना तैयार कर रहे हैं। यह भविष्य की दृष्टि से होगी। इससे पहले रेल मंत्री बजट में नई ट्रेनों तथा ‘हाल्ट’ की घोषणा करने में व्यस्त रहते थे। पिछले दो साल में हमले इस प्रथा को रोक दिया। अब निविदा या ठेका कार्यों के लिये फाइल मेरे पास नहीं आती। राज्य सरकारों, अन्य देशों तथा निजी कंपनियों के साथ भागीदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘16 राज्यों ने अपने प्रदेशों में रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रेलवे के साथ भागीदारी पर सहमति जताई है। कई देश प्रौद्योगिकी सहयोग के लिये आगे आये हैं। इसके अलावा निजी कंपनियां परियोजनाओं में रूचि दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ने गैर-सरकारी संगठनों तथा स्वयं सहायता समूह के साथ भी भागीदारी की है।