रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु अपने दूसरे साल में रेल के सफर को सुविधाजनक बनाने की कोशिश में जुटे हैं प्रीमियम ट्रेनों के जटिल व महंगे किराये ढांचे को दुरुस्त किया जाएगा और इनका नाम बदलकर 'सुविधा ट्रेन' रखा जाएगा, साथ ही यह भी तय किया गया है कि अब प्रीमियम ट्रेन का टिकट रद्द कराने पर 50 फीसदी तक किराया वापस मिलेगा। अभी प्रीमियम ट्रेनों का टिकट रद्द कराने पर कुछ भी वापस नहीं मिलता है।
यात्रियों को टिकट न मिलने की दिक्कतों को दूर करने के लिए 'विकल्प एक्सप्रेस' के नाम से लोकप्रिय गाड़ियों की ड्यूप्लिकेट ट्रेनें चलाई जाएंगी। अगस्त या सितंबर तक इन ट्रेनों के संचालन का टाइम टेबल भी जारी किया जाएगा। इसके अलावा अगर आपको ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिला है तो उसी वक्त आपके गंतव्य तक जाने वाली किसी और ट्रेन या एक-दो दिन बाद की किसी ट्रेन में टिकट कन्वर्ट कराने का विकल्प भी यात्रियों को मिलने वाला है। रेलवे ने इस व्यवस्था का नाम अल्टरनेट ट्रेन अकोमोडेशन दिया है। अगर ट्रेन रद्द होती है, तो अब टिकट की सौ फीसदी राशि फौरन अकाउंट में चली जाएगी। अब तक 50 फीसदी राशि पहले वापस आती है और बाकी राशि बाद में अकाउंट में आती है।
एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत टिकट कन्फर्म न होने पर यात्री सफर एकाध दिन आगे बढ़ा सकते हैं। शुरुआत में यह सिस्टम राजधानी, दुरंतो जैसी ट्रेनों में लागू किया जाएगा। साइट पर ही टिकट बुकिंग के वक्त यात्रा के विकल्प के बारे में पूछा जाएगा। उसके बाद गंतव्य तक जाने वाली किसी अन्य ट्रेन में जगह उपलब्ध है, तो आपका टिकट उस ट्रेन में कन्फर्म होकर जानकारी फोन पर मिल जाएगी। अगर स्पेशल ट्रेन चलती है, तो भी आपको टिकट रद्द कराकर दूसरी ट्रेन में टिकट बुक नहीं कराना पड़ेगा, सिस्टम खुद टिकट उस ट्रेन में बुक करके जानकारी दे देगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैफिक) अजय शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आने वाले दिनों में रेल यात्रियों को कई नई सुविधाओं की सौगात मिलने वाली है। इनमें रिजर्वेशन संबंधी दिक्कतों को दूर करने पर खास जोर रहेगा। उन्होंने कहा, 'प्रीमियम ट्रेनों को लेकर लोगों की काफी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनका नाम बदलकर 'सुविधा ट्रेन' किया जाएगा। इन ट्रेनों का किराया निर्धारित करने की पद्धति भी बदली जाएगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।'
आईआरसीटीसी का बहुभाषी पोर्टल भी आने वाला है। अभी यह केवल अंग्रेजी में है, इसमें हिन्दी के अलावा क्षेत्रीय भाषओं के विकल्प उपलब्ध कराने के लिए काम चल रहा है। अगले एक महीने में इसकी शुरुआत हिन्दी से होगी। रेल बजट में सुरेश प्रभु ने घोषणा की थी कि कुछ व्यस्त रूटों पर लोकप्रिय ट्रेनों में डिब्बों की संख्या बढ़ाई जाएगी। घोषणा के मुताबिक, रेलवे ने ऐसी 15 जोड़ी ट्रेनों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें 26 बोगियों के साथ चलाया जाएगा। अतिरिक्त बोगियों में दो साधारण दर्जे की होंगी। आईआरसीटीसी की क्षमता बढ़ाने पर काम जारी है। इसकी बुकिंग क्षमता 30 लाख टिकट प्रतिदिन करने के लिए अतिरिक्त सर्वर लगाया जा रहा है।
रेल मंत्रालय मोबाइल टिकट सुविधा का भी विस्तार करने जा रहा है। चेन्नै के बाद यह योजना जल्द ही मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में शुरू की जाएगी और उसके बाद अगला लक्ष्य दिल्ली होगा। मंत्रालय इस सुविधा के लिए इसरो की भी सहायता लेने जा रहा है। इसरो के जरिए मंत्रालय को जीपीएस मैपिंग मिल गई तो इस योजना को देश भर में भी लागू किया जा सकता है। अजय शुक्ला ने बताया कि जल्द ही मोबाइल एमएसटी शुरू की जाएगी। ऐसा होने पर एमएसटी धारकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। मोबाइल टिकट के लिए पश्चिम और मध्य रेलवे को जीपीएस मैपिंग कराने के लिए कहा गया है।
साभार- इकॉनामिक टाईम्स से