डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों (एमआईएफएफ-2022) के लिए मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 17वां संस्करण आज (29 मई, 2022) मुंबई के नेहरू सेंटर, वर्ली में एक रंगीन उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म प्रभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया। फिल्म महोत्सव के निदेशक रवींद्र भाकर ने कहा कि इस फिल्म महोत्सव में व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एमआईएफएफ 2022 को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है और https://miff.in पर पंजीकरण कराने वालों के लिए फिल्में ऑनलाइन देखना मुफ्त है।
बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस साल बांग्लादेश को फिल्म महोत्सव का ‘फोकस देश’ चुना गया है। फिल्म समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘हसीना- ए डॉटर्स टेल’ सहित बांग्लादेश की 11 फिल्मों का एक विशेष पैकेज एमआईएफएफ 2022 में दिखाया जाएगा।
डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माता और लेखक संजीत नार्वेकर को वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित डॉ. वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार अनुभवी डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता और लेखक संजीत नार्वेकर को उनके लेखन, विशेष रूप से फिल्म इतिहास और डॉक्यूमेंट्री फिल्म आंदोलन के माध्यम से फिल्मों में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया। संजीत नार्वेकर ने सिनेमा पर 20 से अधिक पुस्तकें लिखी और संपादित की हैं। इनमें ‘मराठी सिनेमा इन रेट्रोस्पेक्ट’ शामिल है, जिसने उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में स्वर्ण कमल दिलाया। वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड में 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, गोल्डन शंख और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार महान फिल्म निर्माता वी. शांताराम की याद में स्थापित किया गया है, जो 1950 के दशक के दौरान मानद मुख्य फिल्म निर्माता के रूप में फिल्म डिवीजन से निकटता से जुड़े थे।
डॉक्युमेंट्री और एनिमेशन फिल्में स्टार्ट-अप की तरह हैं, इनमें यूनिकॉर्न बनने की क्षमता हैं- पीयूष गोयल
महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जो लोग कला फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री फिल्मों और एनीमेशन फिल्मों का निर्माण करते हैं, वे एक तरह से स्टार्ट-अप हैं जो नए विचारों को जन्म देते हैं और देश में संदेशवाहकों की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में संदेश फैलाने के लिए सिल्वर स्क्रीन, टेलीविजन, ओटीटी आदि जैसे कई रास्ते उपलब्ध हैं, जिससे ऐसे ‘स्टार्ट-अप’ को ‘यूनिकॉर्न’ बनने का अवसर मिलता है। (यूनिकॉर्न वो स्टार्टअप कंपनी होती है जिसका वैल्यू एक अरब डॉलर से अधिक होता है।)
केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने कहा कि लता मंगेशकर कई कलाकारों और संगीतकारों के लिए एक प्रेरणा थीं और उन्होंने कला के माध्यम से भारत के इतिहास, परंपरा और विरासत को दुनिया के सामने लाया। उन्होंने कहा कि “आइए हम उन तरीकों का पता लगाएं कि हम देश, मुंबई शहर और सिनेमा जगत के लिए लता दीदी की भूमिका को कैसे संस्थागत बना सकते हैं।”
डॉक्युमेंट्री – एक ऐसा माध्यम है जो संस्कृतियों और सीमाओं से पार जाता है: श्री अनुराग ठाकुर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि, “डॉक्यूमेंट्री सिनेमा सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करता है। यह समाज में बदलाव के लिए न केवल शिक्षित, प्रेरित और उद्वेलित करता है, बल्कि एक ऐसे माध्यम के रूप में भी कार्य करता है जो संस्कृतियों और सीमाओं के पार जाता है।” श्री ठाकुर ने यह भी बताया कि एमआईएफएफ दुनिया भर के डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माताओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और डॉक्युमेंट्री, लघु और एनीमेशन फिल्मों के सह-निर्माण और विपणन की संभावनाओं का पता भी लगाते हैं। उन्होंने कहा कि यह अवसर अंततः फिल्म निर्माताओं के दृष्टिकोण को विश्व सिनेमा के रू-ब-रू व्यापक बनाता है।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने अपने संबोधन में भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह भारत ने कान फिल्म समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि शौनक सेन की फिल्म ‘ऑल दैट ब्रीद्स’ ने सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री का पुरस्कार जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है। डॉ. मुरुगन ने बताया कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और विशेष रूप से फीचर फिल्मों, एनीमेशन फिल्मों, डॉक्युमेंट्री फिल्मों और वेब-श्रृंखला के सह-निर्माण के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि “एवीजीसी क्षेत्र का प्रचार शानदार तरीके से हो रहा है। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान और कान फिल्म महोत्सव में भारतीय दल ने हमारी संस्कृति और लोकाचार को प्रदर्शित किया है”।
अंतर्राष्ट्रीय जूरी के सदस्यों – सुब्बिया नल्लामुथु; अनंत विजय; मीना राड (फ्रांस); जियान पिरी सायर (फ्रांस); डैन वोलमैन (इज़राइल), और राष्ट्रीय जूरी के सदस्यों- संजीत नार्वेकर; सुभाष सहगल; जयश्री भट्टाचार्य; एशले रतनविभूषण (श्रीलंका) और तारिक अहमद (बांग्लादेश) को समारोह के दौरान सम्मानित किया गया।
फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में अन्य लोगों के साथ-साथ प्रमुख तौर पर रेल, कोयला और खान राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे; सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले; पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल; वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड; पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता शाजी करुण; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर; फिल्म निर्माता किरण शांताराम, फिल्म निर्माता राहुल रवैल, अभिनेता दलीप ताहिल आदि उपस्थित थे।
एमआईएफएफ 2022 की उद्घाटन यात्रा और अन्य मुख्य अंश
मणिपुरी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मीराम – द फायरलाइन (33 मिनट)’, फ्रांस की एनिमेशन फिल्म, ‘कास्टअवे’ (6 मिनट) और जापान की शॉर्ट फिक्शन फिल्म शाबू-शाबू स्पिरिट (10 मिनट) की स्क्रीनिंग के साथ एमआईएफएफ के 17वें संस्करण की शुरुआत हुई।
एमआईएफएफ के इस 17वें संस्करण में लगभग 400 फिल्में दिखाई जाएंगी जो दुनिया भर से इस महोत्सव में पहुंची हैं। इनमें से 102 फिल्मों को प्रतियोगिता श्रेणी के तहत प्रदर्शित किया जाएगा – 35 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में और 67 राष्ट्रीय प्रतियोगिता में। इन फिल्मों की स्क्रीनिंग पेडर रोड पर फिल्म डिवीजन परिसर में स्थित अत्याधुनिक सभागार (ऑडिटोरियम) में आयोजित की जाएगी।
उद्घाटन समारोह का पीआईबी इंडिया यू ट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया गया:
स्क्रीनिंग की सूची https://miff.in/ पर ‘स्क्रीनिंग’ टैग पर क्लिक करके पता करें।
#एमआईएफएफ2022 डॉ. वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
संजीत नार्वेकर के लिए
जूरी प्रशस्ति पत्र
भारत के मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ 2022) के 17वें संस्करण में श्री संजीत नार्वेकर को डॉ. वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान उन्हें फिल्म क्षेत्र, विशेष रूप से फिल्म इतिहास और डॉक्युमेंट्री फिल्म आंदोलन पर उनके गहन, आश्चर्यजनक ढंग से विस्तृत, संकलन तौर पर विविध और हमेशा प्रेरक काम के लिए दिया जा रहा है। एक गंभीर फिल्म इतिहासकार, एक बेहतरीन लेखक के साथ-साथ एक कुशल संपादक और फिल्म निर्माता के रूप में प्रसिद्ध श्री नार्वेकर ने अच्छे सिनेमा एवं ललित कला और विशेष रूप से डॉक्युमेंट्री फिल्म आंदोलन के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। फिल्मों के अतीत, वर्तमान और भविष्य के साथ अपने आजीवन और भावुक जुड़ाव के माध्यम से श्री नार्वेकर ने कई लोगों के दिलों को छुआ है, कई लोगों की आत्मा को झकझोरा है और कई लोगों के मन को अच्छे, महान और सुंदर की ओर प्रज्वलित किया है।
श्री नार्वेकर को 1996 में सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म इतिहास के प्रति श्री नार्वेकर का ऐसा जुनून रहा कि उन्होंने सिनेमा पर 20 से अधिक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया जिसमें ‘मराठी सिनेमा इन रेट्रोस्पेक्ट’ भी शामिल है। ‘मराठी सिनेमा इन रेट्रोस्पेक्ट’ के लिए उन्हें स्वर्ण कमल का पुरस्कार मिला। उन्हें फिल्म डिवीजन की ‘द पायनियरिंग स्पिरिट: डॉ. वी. शांताराम’ का निर्देशन करने का श्रेय दिया जाता है, जो महान फिल्म निर्माता की बायोपिक है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर कई डॉक्युमेंट्री का लेखन और निर्देशन किया है। उन्होंने सिनेमा पर लेखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जूरी सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की चयन समिति और जूरी में भी काम किया है।
यह जूरी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की सिफारिश श्री नार्वेकर के लिए करने में खुशी और गौरवान्वित महसूस कर रहा है। श्री नार्वेकर को यह पुरस्कार उनके विवेचन नेतृत्व, परामर्श और जीवन भर ललित कला की बेदाग सुंदरता को सम्मानित करने और इस सुंदरता को खुद में और एक दूसरे में देखने, समझने और अपने आप में प्रकट करने के लिए नई दृष्टि देने के लिए दिया जा रहा है।
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महामारी के बाद इस फिल्म महोत्सव के पहले संस्करण के लिए, फिल्म प्रेमी इस महोत्सव में ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं। https://miff.in/delegate2022/hybrid.php?cat=aHlicmlk पर ऑनलाइन प्रतिनिधि (अर्थात हाइब्रिड मोड के लिए) के रूप में मुफ्त में पंजीकरण करें। प्रतियोगिता की फिल्में, जब भी यहां उपलब्ध होंगी, देखी जा सकती हैं।