गुरुकुल की नाबालिग बच्ची से रेप के मामले में आसाराम को दोषी माना गया है. एक ओर जहां आसाराम इस मामले में पिछले चार साल सात महीने से जोधपुर की कोर्ट में बंद है, वहीं उसके बेटे नारायण साईं ने भी काली करतूतों में अपने पिता का खूब साथ निभाया. यही नहीं नारायण साईं पर उसकी पत्नी जानकी पहले ही अवैध संबंधों का आरोप लगा चुकी है. फिलहाल नारायण साईं सूरत की लाजपोर जेल में कैद है. उस पर आश्रम की एक युवती से बलात्कार का आरोप है.
आसराम के बेटे और उसकी गंदी हरकतों में बराबर के साझीदार नारायण साईं के खिलाफ आश्रम की एक युवती ने 6 अक्टूबर 2013 को बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. इतना ही नहीं नारायण साईं ने इस मामले को दबाने के लिए थाना प्रमुख को 13 करोड़ रुपये की रिश्वत भी दी थी. घूसखोर पुलिस अधिकारी से 5 करोड़ रुपये नगद और प्रॉपर्टी के कागजात बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
नारायाण साईं की हरकतों का खुलासा होने पर उसकी पत्नी जानकी ने पति और ससुर के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे. साईं की पत्नी जानकी ने पुलिस थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कहा था कि नारायण हरपलानी (नारायण साईं का असली नाम) से उसकी शादी 22 मई 1997 को हुई थी. लेकिन शादी के इस बंधन में बंधने के बाद भी उसके पति ने उसकी निगाहों के सामने कई महिलाओं से नाजायज ताल्लुकात कायम किए. इससे उसे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी.
जानकी ने यह आरोप भी लगाया था, ‘मेरे पति ने हमेशा धर्म के नाम पर ढोंग किया है. मेरे पति ने सबसे ज्यादा घोर अपराध यह किया है कि उसने अपने आश्रम की एक साधिका से अवैध संबंध बनाए. जब यह साधिका गर्भवती हो गई तो उसने मुझसे कहा कि वह दूसरी शादी करना चाहते हैं. जानकी ने आरोप लगाया कि जब उसने नारायण से कहा कि वह उसे तलाक देकर दूसरी शादी कर सकता है तो उसके पति ने उसे बताये बगैर ही इस साधिका से राजस्थान में दूसरी शादी कर ली और इस महिला से उसे एक ‘नाजायज संतान’ भी है. जानकी ने यह भी कहा था, ‘जब मैं दूसरी महिलाओं से अपने पति के अवैध संबंधों पर आपत्ति जताती थी, तो वह मुझे धमकाते हुए खामोश रहने को कहता था.’