Sunday, November 24, 2024
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“भारत की एकता और अखण्डता में भारतीय भाषाओं का योगदान ” पर राष्ट्रीय वेबिनार|

 कोटा। राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे भारतीय भाषा उत्सव की शृंखला मे भारत की एकता और अखण्डता में भारतीय भाषाओं का योगदान ” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमे बतौर मुख्य अतिथि रजनीश यादव मुख्य प्रबंधक राजभाषा अमरावती (आँध्रप्रदेश ) मंडल राजभाषा अधिकारी भारतीय स्टेट बेंक हेदराबाद, अध्यक्षता डॉ हुकम चंद जैन प्रख्यात इतिहासकार एवं लेखक , विशिष्ठ अतिथि – डॉ निशा गुप्ता व्याख्याता हिन्दी जवाहर नवोदय विधालय आलोट मध्यप्रदेश, मुख्य वक्ता – सोमेन्द्र यादव मुख्य प्रबंधक राजभाषा राजस्थान अंचल बेंक ऑफ़ बड़ोदा ने शिरकत की | कार्यक्रम का संयोजन डबली कुमारी परामर्शदाता राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा, कार्यक्रम समन्यव डॉ शशि जैन सन्दर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा एवं मुख्य सूत्रधार कार्य का निर्वहन डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा ने किया |

            भारत की एकता और अखण्डता में भारतीय भाषाओं का योगदान ” विषय पर बोलते हुये मुख्य अतिथि रजनीश यादव ने कहा की भारतीय भाषाए हिन्दी को समृद्ध करती हे और हिन्दी के लिए शब्द सामर्थ्य भारतीय भाषाओ से मिलती हे जेसे उपनदी से जल तत्व महानदियों को मिलती हे , सभी भारतीय भाषाओ का वर्ण क्रम , वाक्य विन्यास एवं व्याकरण लगभग सामान हे तीसरा समस्त भारतीय भाषाओ की जनननी संस्कृत हे , देवनागरी की वेज्ञानिकता एवं आँय भारतीय भाषाओ की लिपियो से समानता ,आदि विविधता होने के बावजूद भी एक हे | मुख्य वक्ता सोमेन्द्र यादव ने बताया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं राजभाषा नीति के आधार पर THE टी.च.ई– (टेरीटेरियल) क्षेत्रीय  भाषाओ को सर्वोपरी , (एच) उसके बाद हिन्दी और (ई) अंग्रेजी को सबसे अंतिम क्रम मे रखना हे |

            भाषा विज्ञानी रवीद्र यादव व्याख्याता हिन्दी केंद्रीय विधालय रायगढ़ (छतीशगढ़) ने – डॉ जयंती प्रसाद नोटीयाल के शोध ग्रंथ का हवाला देते हुये बताया कि हिन्दी विश्व मे सर्वाधिक बोली समझी एवं प्रयोग मे लायी जाने वाली भाषा है | डबली कुमारी परामर्शदाता ने कहा कि महर्षि पाणनी के अष्टाधाय के व्याकरण को संदर्भित कराते हुये समस्त भारतीय भाषाओ के बीच एकता और अखण्डता का परिचय दिया |

            अध्यक्षता करते हुये डॉ हुकम चंद जैन ने गौरी शंकर हीराचंद ओझा की रचना भारती लिपि माला का जिक्र कराते हुये भारतीय लिपियो की एकता के बारे मे प्रकाश डाला साथ ही हिन्दी और उर्दू की साम्यता तथा एकता के तत्व  को जनमानस के बीच मे भारतीयता के भाव से लाने का श्रेय अमीर खुसरो को दिया एवं भाषाओ के बीच एकता एवं अखण्डता पर विमर्श किया |

            उद्घाटन भाषण मे संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने महाकवि रवीन्द्रनाथ टेगोर के बहुप्रचलित उद्धवरण “ समस्त भारतीय भाषाए उपनदी हे और हिन्दी महानदी” पर प्रकाश डाला वही दूसरी और राजस्थान राज्य के द्वितीय राज्यपाल रहे माननीय डॉ संपूर्णानद के द्वारा हिन्दी नागरिकी प्रचारणी सभा द्वारा प्रकाशित हिन्दी साहित्य का इतिहास के जरिये आपने संपादक रहते हुये कहा था कि हिन्दी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक हे| विशिष्ट अतिथि डॉ निशा गुप्ता  ने कहा कि – इस उत्सव का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पारिस्थितिकी तंत्र से भारतीय भाषाओ मे निहित सहज अंतरण की सुविधा प्रदान करना है शशि जैन ने कहा कि – भाषाओ मे शिक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक समग्र रोडमेप तैयार किया जाना चाहिए 

            इस राष्ट्रीय वेबिनार मे गौरव शर्मा जिला पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय टोंक , कमल कुमार  डक  संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक सरस्वती मण्डल पुस्तकालय उदयपुर , पाठक रक्षिता लक्ष्मी ईशिका ,नेहा  तंजीम सागर अनामिका वर्मा कोमल  कनवासिया चिंटू चंपावत योगेश विष्णु सुथारबलरामलखन प्रजापतिसुरेन्द्र सैनी जयंतमुंगेरी लाल मीणा कौस्तुभ दिलखुश एव जीत मीणा ने अपने विचार व्यक्त किए |   कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने कहा कि – भारतीय स्थानीय भाषाओ मे अध्ययन अध्यापन से युवाओ मे राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास होगा कार्यक्रम का प्रबंधन रोहित नामा अजय सक्सेना एवं शोधार्थ्री मधुसूदन चौधरी ने किया |      

 

Dr. D. K. Shrivastava
INELI South Asia Mentor
IFLA WALL OF FAME ACHIEVER
Divisional Librarian and Head
Govt. Divisional Public Library Kota (Rajasthan)-324009
Cell No.+91 96947 83261
 
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