नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने रेल बजट में ट्रेनों और प्लेटफार्मों की साफ-सफाई के लिये विशेष योजना का ऐलान किया था। उस पर अमल शुरू हो गया है। इसके तहत चमचमाती ट्रेनें और प्लेटफॉर्म के लिये भारतीय रेल ने अलग से विभाग बनाया है।
रेल मंत्रालय ने रेलगाड़ियों तथा स्टेशनों पर साफ सफाई कार्यों के एकीकृत प्रबंधन के लिए एक अलग शाखा बनायी है। इस शाखा का नाम है पर्यावरण तथा हाउसकीपिंग प्रबंधन निदेशालय नाम दिया गया है। प्रशासनिक तथा ढांचागत बदलावों के साथ यह शाखा बनायी गई है। इस निदेशालय की 16 क्षेत्रीय रेलवे में एकीकृत हाउसकीपिंग शाखा स्थापित की जायेगी। प्रत्येक शाखाएं जोनल रेल को अपनी योजना उपलब्ध करायेंगी। पहले चरण में एकीकृत हाउसकीपिंग उत्तर रेलवे, दक्षिण मध्य तथा दक्षिण रेलवे में लागू होगा। इसके सफल कार्यान्वयन के बाद इसे अन्य क्षेत्रीय रेलवे में भी लागू किया जाएगा। इस विभाग में हाउसकीपिंग प्रोफेशनल्स की मदद से साफ-सफाई और रखरखाव का काम किया जायेगा। रेलगाड़ियों तथा प्रमुख स्टेशनों पर नई तकनीकी के साथ हाउसकीपिंग का बड़ा कार्य किया जायेगा। सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में हाउसकीपिंग स्टाफ रखा जायेगा, जो चलती गाड़ी में साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे।
सभी बड़े स्टेशनों पर विशेष योजना के तहत कूड़ा-करकट फेंकने वालों पर जुर्माना लगाया जायेगा। वर्तमान स्थिति वर्तमान में रेलगाड़ियों और प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर हाउसकीपिंग का काम भारतीय रेल के तीन विभाग करते हैं। इससे हाउसकीपिंग मानकों को सुधारने में सीमा सामने आती है। इसके अलावा ट्रेनों तथा प्रमुख स्टेशनों पर हाउसकीपिंग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेषज्ञ और पेशवर लोगों की तैनाती नहीं हो पाती है। रेलवे में सेनिटरी इंस्पेक्टरों व अन्य सेनिटरी स्टाफ की कमी की वजह से साफ-सफाई में अढ़चनें आती हैं।