सावधान! अगर आप किसी भी न्यूज़ की डिटेल्स चेक करने के लिए अनजाने न्यूज़ ऐप को डाउनलोड कर रहे है तो रुक जाइए। कहीं ऐसा न हो कि न्यूज़ को जल्दी पढ़ने का शौक आपके मोबाइल में मौजूद व्यक्तिगत डाटाबेस को सार्वजनिक कर दे। जी हां, आप सही समझ रहे हैं।
मोबाइल द्वारा व्यक्तिगत डाटा में सेंध लगाने वालों ने अब नया तरीका ईजाद किया है। अनजान नामों से न्यूज़ ऐप बनाकर ये कंपनियां आपके व्यक्तिगत डाटाबेस में सेंध लगाने का काम कर रही हैं।
जितनी तेजी से आज टेक्नोलॉजी आम आदमी की जिंदगी को आसान कर रही है, उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है। डिजिटल दुनिया का सबसे बड़ा ख़तरा है डाटा चोरी, फिर चाहे वो आपके सोशल मीडिया अकाउंट हों, आपके सीक्रेट पासवर्ड हों या फिर कड़ी साइबर सुरक्षा के बाद किए जाने वाले ऑनलाइन बैंकिंग ऑपरेशंस। ऐसे में डाटाबेस में सेंध लगाने वालों के लिए अनजान न्यूज़ ऐप मनमाफिक तरीका साबित हो रहे है।
पिछले कुछ दिनों से सर्कल और लोकल प्ले नामक न्यूज़ ऐप लगातार चर्चा में बने हुए हैं। खबर पढ़ने के लिए आपको ये न्यूज़ ऐप डाउनलोड करने पड़ते हैं। ऐसे में जब एक रीडर इस ऐप को डाउनलोड करता है तो वो इस ऐप द्वारा मांगी जा रही फ़ोन बुक, गैलरी और अन्य की जानकारी एक्सेस करने की अनुमति अनजाने में दे देता है। इसके बाद शुरू होता है इस न्यूज़ ऐप द्वारा आपका व्यक्तिगत डाटाबेस को जरूरत के मुताबिक मार्केटिंग कंपनियों को बेचने का खेल।
बड़ा डाटाबेस इकट्ठा करने के इरादे से इन अनजान न्यूज़ ऐप को ऑपरेट करने वाले थाना स्तर पर अपना रिपोर्टर रख रहे हैं, ताकि हर रिपोर्टर ज्यादा से ज्यादा लोगो को न्यूज़ ऐप डाउनलोड करा सके, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के व्यक्तिगत डाटा में सेंध लगाई जा सके।
आगरा के आईटी एक्सपर्ट सुधीर भारद्वाज ने बताया, ‘ये बिल्कुल सही बात है कि न्यूज़ ऐप के रूप में व्यक्तिगत डाटाबेस में सेंध लगाने वालों को नया हथियार मिला है। अगर आप कोई भी ऐप डाउनलोड कर रहे हैं तो सबसे पहले प्ले स्टोर पर जांच लें कि वो गूगल वेरिफाइएड है या नहीं। इस समय अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी कई मार्केटिंग कंपनियां लगातार डाटाबेस खरीदने का काम कर रही हैं। ऐसे में ये अनजान न्यूज़ ऐप उनके लिए डाटाबेस एकत्रित करके देने में सबसे सटीक माध्यम बनते जा रहे हैं।’
साभार- http://www.samachar4media.com से