एक ओर पूरा देश पुसरला वैंकट सिंधु के ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर जश्न में पागल हो रहा है तो दूसरी ओर देश के कई नेताओं में घबराहट, बैचेनी, बदहजमी की शिकायतें बढ़ती जा रही है। देश के नामी अस्पतालों से लेकर घटिया सेवा देने वाले सरकारी अस्पतालों में भी सत्ता पक्ष से लेकर विरोधी नेताओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। इंटरनेट गूगल फेसबुक और ट्वीटर से दूर का भी रिश्ता नहीं रखने वाले नेताओं को सिंधु का पूरा नाम पता करने में भी परेशानी आ रही है। दिन-रात टीवी देखने वाले और टीवी पर बहस में शामिल होने वाले नेताओँ को बार बार टीवी की खबरें देखने के बाद भी सिंधु का पूरा नाम पता नहीं चल पाने से उनमें टीवी चैनलों पर भी ज़बर्दस्त गुस्सा है।
चौबीस घंटे टीवी पर क्रिकेट, गौ हत्या, बलूचिस्तान, बलात्कार, हॉकी, फुटबाल से लेकर सलमान खान, शाहरुख खान के मुद्दों पर बहस में अधिकार पूर्वक बोलने वाले नेताओँ को ने शिकायत की है कि टीवी वाले एक ही खबर को बार बार दिखा रहे हैं इससे उनका हाजमा बिगड़ रहा है। देश में इतनी घटनाएँ हो रही है, बलात्कार हो रहे हैं, सड़क दुर्घटना हो रही है, नेताओँ में गाली गलौच हो रही है उन सबको न दिखाकर चैनल वाले जिस तरह से सिंधुराग अलाप रहे हैं उससे उनका अपने समर्थकों में जीना हराम हो गया है। कई नेताओं के पास उनके समर्थक बार बार एसमएसएस और वाट्स एप भेजकर शिकायत कर रहे हैं कि आप बहुत देर से टीवी पर नहीं दिखे, क्या तबीअत खराब चल रही है। नेताओं के समर्थक अपने-अपने क्षेत्र से बलात्कार, भैंस चोरी, गौहत्या से लेकर मोहल्ले में नल पर पानी भरने को लेकर औरतों के झगडों तक की हर खबर इन नेताओँ तक और चैनल वालों तक पहुँचा रहे हैं लेकिन इन खबरों के टीवी पर नहीं आने से सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता परेशान हैं।
थक-हार कर कुछ नेताओं ने चैनल वालों को फोन भी किया कि वो भी सिंधु पर कुछ बोलना चाहते हैं तो चैनल वालों ने उनसे बैंडमिंटन को लेकर ऐसे सवाल पूछ लिए कि उनकी बोलती बंद हो गई। कई नेताओं ने तो अपने मोहल्ले के बेडमिंटन खिलाड़ियों की शरण ले ली है ताकि वो उनसे बेडमिंटन के बारे में कुछ टीप ले सकें। अपने शहर के बड़े नेता के मोहल्ले के अवारा छोकरों से बेडमिंटन पर कोचिंग लेते देख दुकानों पर बेडमिंटन और शटल काक की खरीदी करने वालों की भीड़ भी बढ़ गई है।
अस्पताल में भर्ती नेताओँ का कहना है कि पिछले 24 घंटे से टीवी पर नहीं आने की वजह से उनका हाजमा खराब हो गया है। उनकी पत्नियाँ और प्रेमिकाएँ तक उनको बार बार ताना मार रही है कि तुमको बेडमिंटन की एबीसीडी तक नहीं आती, अगर आती होती तो टीवी पर दिखते। तुम्हारा जनरल नॉलेज बस बलात्कार, क्रिकेट और ऐसे ही आलतू-फालतू की बातों में है। इन तानों की वजह से नेताओँ का ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगा है।
कई नेताओँ ने नरेंद्र मोदी को संदेश भेजकर टीवी पर सिंधु की खबरें रुकवाने को कहा है। इधर विवादास्पद बयान देने के विशेषज्ञ कई नेताओं ने कई भड़काने वाले और विवादास्पद बयान अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए हैं मगर कोई चैनल उनका नोटिस ही नहीं ले रहा है।
सभी चैनलों पर 16 अवतारों की तरह प्रकट होने वाले भाजपा के एक नेता ने कहा कि जल्दी ही ये सिंधु संकट भी टल जाएगा और चैनल वाले अपनी वाली पर आ जाएंगे। एक अन्य नेता ने कहा कि देश के न्यूज़ चैनल ओलंपिक के मेडल से नहीं बलात्कार, लूट, अपहरण हत्या, सनसनी, बाढ़, सूखा और नेताओँ की बदजुबानी की बदौलत चल रहे हैं, अगर ये चैनल वाले ऐसे ही ओलंपिक की खबरें परोसते रहे तो इनकी टीआरपी ऐसी गिरेगी कि हमारी शरण में आना पड़ेगा।
इधर अस्पातालों में इन नेताओं का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सभी मरीज बार बार न्यूज चैनल खोलते हैं, रिमोट से चैनल बदलते हैं और सिंधु की खबर देखकर दहाड़ें मारकर रोेने लग जाते हैं। कई बेहोश हो चुके नेता तो आधी रात को उठकर भी टीवी देखते हैं मगर सिंधु की खबर देखते ही फिर बेहोश हो जाते हैं।