एक सप्ताह पहले विवाह बंधन में बंधकर अपने ससुराल पहुंची एक नई नवेली दुल्हन ने सदियों पुरानी ससुराल की कुप्रथा को बंद करा दिया। दुल्हन जिद पर अड़ गई कि यदि बलि दी गई तो मैं सारे रिश्ते तोड़ दूंगी। यहां तक कि पति को भी तलाक देने से पीछे नहीं हटेगी। आखिरकार ससुराल पक्ष ने हमेशा के लिए उस कुप्रथा को तिलांजलि दे दी। यह मामला है दमोह जिले के मड़ियादो गांव का।
यहां पर रहने वाले कोरी-तंतवाय परिवार में 22 अप्रैल को बेटे विवेक तंतवाय का विवाह कानपुर की एक युवती श्रद्धा तंतवाय से हुआ। विवेक इंदौर के कॉलेज में अतिथि विद्वान है और श्रद्धा ने एमएससी की है।
25 अप्रैल को कुलदेव की पूजा के लिए सभी एकत्रित हुए, यहां एक जीव की बलि चढ़ाई जानी थी और उसके मांस को प्रसाद के रूप में परिवार के लोगों को मिलकर खाना था, लेकिन जैसे ही ये बात नई बहू को पता चली तो उसने इसका विरोध किया।
अपने पति व सास-ससुर से कहा कि वह अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत किसी जीव की हत्या के साथ नहीं करना चाहती है, इसलिए ये प्रथा बंद होना चाहिए और 29 अप्रैल को श्रद्धा अपने घर आ गई ।
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