महाराष्ट्र में नया राजनीतिक समीकरण बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की हाशिए पर ही पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस के साथ तालमेल करने जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा और शिव सेना के बीच शह-मात का खेल खत्म नहीं हो रहा है। पहले लग रहा था कि दोनों पार्टियां करीब आ रही हैं और जल्दी ही फिर से दोनों में तालमेल हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद शिव सेना के नेताओं ने जैसे बयान दिए थे उससे बहुत साफ संकेत मिल रहे थे। लेकिन उसके तुरंत बाद भाजपा ने शिव सेना और उद्धव ठाकरे के घनघोर विरोधी नारायण राणे को केंद्र में मंत्री बना दिया। इससे उद्धव बुरी तरह से नाराज हुए हैं।
पिछले दिनों उद्धव ठाकरे ने सांगली दौरे के क्रम में कट्टरपंथी हिंदुवादी नेता संभाजी भिड़े से मुलाकात की। इसके बाद फिर भाजपा से करीबी की बातें शुरू हुई थीं लेकिन अब खबर है कि भाजपा राज ठाकरे की पार्टी के साथ बात कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बातचीत होने का संकेत दिया है। राज ठाकरे की पार्टी के साथ तालमेल करने का मतलब है कि भाजपा अपनी पुरानी सहयोगी शिव सेना के लिए दरवाजे बंद कर रही है। असल में यह सारी राजनीतिक गतिविधियां अगले साल होने वाले बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी के चुनावों को लेकर हो रही हैं। शिव सेना के लिए बीएमसी बहुत अहम है और उसे पता है कि भाजपा और एमएनएस मिल कर लड़े तो उसके लिए मुश्किल होगी। हिंदुवादी और मराठी दोनों वोटों में शिव सेना को नुकसान हो सकता है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा ने एमएनएस के साथ तालमेल की बातचीत होने का दांव शिव सेना पर दबाव बनाने के मकसद से किया है।