वाराणसी। नूडल्स की तरह अब खिचड़ी का भी स्वाद व आनंद लोग ले सकेंगे। इसके लिए कुकर में चावल, दाल, सब्जी काफी देर तक पकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पैकेट खोलें व पानी में मात्र पांच मिनट उबालिए और बस खिचड़ी तैयार। यह पैकेट बेस्ड खिचड़ी तैयार की है बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र ने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने पिछले साल नई दिल्ली में आयोजित विश्र्व खाद्य फेस्टिवल में खिचड़ी को भारतीय भोजन के तौर पर पहचान दिलाने की घोषणा की थी।
इसके बाद से ही केंद्र के समन्वय प्रो. अनिल कुमार चौहान के निर्देशन में शोध छात्र विकास कुमार ने इस पर शोध शुरू कर दिया। शोध में पाया गया है कि पैकेट बंद खिचड़ी तीन माह तक खराब नहीं हो रही है और न ही उसकी गुणवत्ता में गिरावट आई है। इस शोध को आगे बढ़ाते हुए अब एक साल तक खिचड़ी की गुणवत्ता जांची जाएगी।
ऐसे बनाई गई खिचड़ी
अनुपात अनुसार चावल, बाजरा, मूंग की दाल को पानी में आधा उबाला गया। इसके बाद ट्रे ड्रायर में तीन घंटे तक के लिए 40 डिग्री तापमान में सुखाया गया। साथ ही इसी प्रक्रिया के तहत आधा उबाल कर खिचड़ी में पड़ने वाले अन्य तत्व गाजर, मटर, ब्रोकली (हरी गोभी), पत्ता गोभी आदि को सुखाया गया। फिर दोनों खाद्य अवयव को मिलाकर विभिन्न पैकेजिंग मेटेरियल में पैक किया गया। 15-15 दिन पर परीक्षण इस प्रक्रिया से तैयार खिचड़ी को 15, 30, 45, 60, 75 व 90 दिनों तक हर 15-15 दिनों के अंतराल पर परीक्षण किया गया। इन तीन माह में कोई खराबी नहीं देखी गई।
केंद्र समन्वयक प्रो. चौहान बताते हैं कि शोध को आगे बढ़ाते हुए अब पैकेट बेस्ड खिचड़ी का परीक्षण एक साल तक किया जाएगा। खाने की विधि पैकेजिंग मैटेरियल को उबलते हुए पानी में करीब पांच मिनट तक निश्चित अनुपात में ढंककर रख दीजिए। तत्पश्चात खिचड़ी को खाने के प्रयोग में ला सकते हैं। चिकित्सक भी बेहतर पाचन के लिए खिचड़ी खाने का परामर्श देते हैं।
प्रो. चौहान बताते हैं कि इतनी प्रक्रिया के बाद भी देखा गया कि पोषक तत्व बरकरार हैं। इन तत्वों से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
इसलिए पौष्टिक होती है
खाद्य तत्व
– चावल
– कार्बोहाइड्रेट
– बाजरा
– आयरन व फाइबर
– दाल प्रोटीन
– मटर प्रोटीन
– ब्रोकली
– एंटी ऑक्सीडेंट
– पत्ता गोभी
– मिनरल
– गाजर
– कैरोटीन
साभार- https://naidunia.jagran.com से