जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को वह सर्कुलर वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रध्वज के साथ ही राज्य का ध्वज भी सरकारी वाहनों और सरकारी इमारतों में फहराया जाएगा। इसे एक दिन पहले ही सरकार ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि सरकारी इमारतों और वाहनों में राष्ट्रध्वज के साथ ही राज्य का ध्वज भी फहराया जाएगा। यह आदेश्ा विवाद का विषय बन गया था।
हालांकि भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 1952 से चली आ रही इस व्यवस्था से पार्टी को एतराज नहीं है, लेकिन इसे विपक्षी यह कहकर तूल दे रहा है कि यह मुफ्ती सरकार की भाजपा के मंत्रियों को राज्य का ध्वज लगाने की स्पष्ट हिदायत है।
ऐसे में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को जारी आदेश को एक दिन बाद ही वापस ले लिया। सरकार की ओर से सफाई दी गई है कि आदेश संबंधित अथारिटी की मंजूरी के बिना ही जारी हो गया। जांच कर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सरकार के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर है कि राज्य का गणतंत्र दिवस उस दिन मनाया जाएगा जब राज्य का संविधान लागू हुआ था। याचिकाकर्ता ने यह मांग भी की है कि राज्य का ध्वज सरकारी कारों, कार्यालयों व भवनों पर लगाकर इसकी गरिमा बरकरार रखी जाए।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस मामले में शपथ पत्र दायर करने के लिए न्यायालय ने सरकार को अंतिम मौका दिया था, ऐसे में शपथ पत्र दायर कर याचिककर्ता की दलीलों को चुनौती देने के साथ यह पक्ष रखना था कि सरकार जल्द इस बारे में आदेश जारी करेगी कि राज्य के ध्वज को भी राष्ट्रीय ध्वज की तरह सम्मान दिया जाए। ड्राफ्ट मंजूरी के बिना ही जारी कर दिया गया। लिहाजा अब इसे रद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार की ओर से जारी आदेश में राज्य के ध्वज को भी उसी तरह से इज्जत देने की बात की गई है जैसे राष्ट्रीय ध्वज को दी जाती है। आदेश आने के बाद इस मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टियों को घेरने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
पैंथर्स पार्टी के सुप्रीमो प्रो. भीम सिंह ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि आरएसएस के मंत्रियों के राज्य का ध्वज लगाने पर अब प्रधानमंत्री जवाब दें कि उनकी पार्टी ने पीडीपी को समर्थन क्यों दिया।
वहीं शुक्रवार शाम भाजपा मुख्यालय में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने सरकारी आदेश पर कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है, राई को पहाड़ बनाया जा रहा है