पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में रेलवे ने भारी फेरबदल किया है। नये नियम में अब एक ही ट्रेन का आरक्षण चार्ट एक बार नहीं बल्कि दो बार बनेगा। अगर पहले चार्ट में आरक्षित टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो संभव है कि दूसरे चार्ट में आपका टिकट कंफर्म हो जाए। इतना ही नहीं अब आप ई-टिकट की बुकिंग ट्रेन के प्लेटफार्म से छूटने के आधे घंटे पहले भी करा सकेंगे। अभी तक ऑनलाइन टिकट बुकिंग ट्रेन चलने के चार घंटे पहले बंद कर दी जाती है। इसके अलावा टिकट काउंटर से लिए गए टिकट का भी स्टेटस लोगों के मोबाइल पर मिलेगा। रेलवे ने सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) को निर्देश दिया है कि परिवर्तन के सभी नियम 10 नवंबर से 18 नवंबर के बीच लागू करे।
टिकट का गोरखधंधा करने वालों पर लगाम लगाने केलिए रेलवे ने एक ही ट्रेन का दो बार रिजर्वेशन चार्ट निकालने का निर्णय लिया है। एक आरक्षित चार्ट चार घंटे पहले बनेगा और दूसरा चार्ट ट्रेन छूटने के आधे घंटे पहले तैयार किया जाएगा। रेल्वे का मानना है कि इससे खाली पड़ी सीट को ट्रेन के टीटीई भी ऐसे यात्री को नहीं दे सकेंगे जो पात्र नहीं हैं। इसके साथ ही टिकट के दलालों पर भी अंकुश लग जाएगा, जो पहले से ही टिकट बुक कराकर रख लेते हैं।
ई-टिकट वालों की तरह ही अब टिकट काउंटर से भी टिकट लेने वालों को मोबाइल पर मैसेज भेजकर जानकारी दी जाएगी। रेलवे ने निर्णय लिया है कि जिस तरह से ऑनलाइन टिकट वालों को आईआरसीटीसी उनके टिकट की स्थिति से अवगत कराता है यानी टिकट कंफर्म हुआ या नहीं ठीक उसी तरह टिकट काउंटर से टिकट लेने वालों के मोबाइल पर मैसेज किया जाएगा।
आरएसी व वेटिंग टिकट का पैसा ट्रेन खुलने के समय से आधा घंटा पहले तक वापस किया जा सकता है। इस समय के अंदर यदि यात्री टिकट रद्द करा लेता है तो उसका कुछ रुपया रिफंड हो जाएगा। लेकिन इस समय के बाद यदि टिकट रद्द कराया गया तो उसका पैसा वापस नहीं मिलेगा। क्योंकि रेलवे के नये नियम में चार घंटे पहले कंफर्म टिकट वापस नहीं किया गया तो पैसा रिफंड नहीं होगा।