रेलवे ने कहा है कि उसने कई ऐसे उपाय किए हैं जिनसे आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग सुविधा का दुरुपयोग रोका जा सके। गैरकानूनी सॉफ्टवेयर के जरिए तेजी से बुकिंग रोकने के मकसद से व्यवस्था की गई है कि यूजर्स को अब 35 सेकंड का इंतजार करना ही होगा। पहले यह वक्त 10 मिनट का था। इसके चलते साइट पर सायबर अटैक का खतरा ज्यादा था। एक बयान में कहा गया है कि कम से कम दो टिकट बुकिंग के लिए 35 सेकंड का इंतजार अनिवार्य कर दिए जाने के बाद अब बाजार में उपलब्ध सॉफ्टवेयर के जरिए तत्काल टिकट की बुकिंग तेजी से करना संभव नहीं होगा। इस तरह जरूरतमंतद मुसाफिर ज्यादा से ज्यादा टिकट बुक करा सकेंगे और दलालों पर अंकुश लग सकेगा।
अब CAPTCHA (नंबर या अंग्रेजी के अक्षर की एक सीरीज, जिसका इस्तेमाल आदमी और कंप्यूटर में अंतर करने के लिए किया जाता है) तीन बार एंटर करना होगा। एक बार लॉग-इन करते समय, दूसरी बार रिजर्वेशन कराते वक्त और तीसरी बार पेमेंट करने के दौरान। बुकिंग फार्म भरने और उसके बाद बैंक भुगतान में न्यूनतम 35 सेकंड का समय लगता है लेकिन कुछ दलालों द्वारा कुछ स्वचालित साफ्टवेयर का इस्तेमाल करके तेजी से टिकट बुकिंग करने के मामले सामने आए थे। इस कारण से वास्तविक यात्री टिकट से वंचित रह जाते थे। मनोचा ने कहा कि एक दिन में करीब दो लाख तत्काल टिकट बुक होते हैं। असली यात्रियों की सुविधा के लिए तत्काल बुकिंग समय बांटा गया था। इसके तहत वातानुकूलित श्रेणी के टिकट बुकिंग के लिए सुबह 10 बजे से 11 बजे का समय और गैर वातानुकूलित श्रेणी के टिकट बुक करने के लिए 11 से दोपहर 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ए के मनोचा और सेंटर आफ रेलवे इनफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) के प्रबंध निदेशक संजय दास ने पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी के पोर्टल की बुकिंग क्षमता बढ़ा कर 15000 हजार टिकट प्रति मिनट की गई है। मनोचा ने यह भी बताया कि साइट का उन्नयन किया गया है ताकि प्रति मिनट 15 हजार टिकट बुक किये जा सकें। रेलवे द्वारा बुक किये जाने वाले कुल टिकटों में आनलाइन टिकट बुकिंग बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई है। आईआरसीटीसी ने सिस्टम को मजबूत करने के लिए पिछले पांच वर्षों में करीब 180 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।