उज्जैनः सेवाधाम आश्रम अंकित ग्राम अम्बोदिया 31 वर्षो से समाज की पीडित, शोषित अत्याचार-दूराचार की शिकार और दुष्कर्म पीडिताओं के साथ विवाहित- अविवाहित गर्भस्थ माताओं और उनके बच्चों की देख-रेख कर सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान कर रहा है। आश्रम द्वारा सड़क, अस्पताल, बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन, पर पड़ी हुई निराश्रित, मरणासन्न और बीमार माताओं को जो अनेक संक्रमण रोग से ग्रसित होती है को स्वीकार करता है। वर्तमान में आश्रम परिवार में 441 माताऐं और बच्चे निवास करते है, इनके लिए आवास व्यवस्था एकदम अपर्याप्त है। आश्रम के रतनलाल डिडवानिया अवेदना केन्द्र और सत्यवती प्रकल्प में रहने वाली माताऐं अत्यन्त असुविधा में रहती है, इनमें 50 प्रतिशत माताओं के लिए रहने का स्थान भी पर्याप्त नहीं है। कोरोना संक्रमण के दौरान उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सेवाधाम प्रबंधन द्वारा कोरोना संक्रमण काल के समय और पूर्व में आ रही कठिनाईयों के कारण यह निर्णय लिया गया कि आने वाले 1 वर्ष मे 500 माताओं के लिए आश्रम में सर्वसुविधायुक्त आवास उनकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य स्थिति को देखते हुए किया जावें, इस हेतु आश्रम परिसर से लगी हुई 6 बीघा भूमि में उक्त निर्माण किया जावेगा, जिस पर लगभग 8 से 10 करोड से अधिक की राशि व्यय होना संभावित है।
आश्रम में इस समय निरन्तर विविध प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त मानसिक और सड़कों पर घुमती हुई वृद्ध, अतिवृद्ध, युवा माताओं के लिए सूचनाऐं प्राप्त होती है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी 50 से अधिक माताओं को सेवाधाम में प्रवेश के लिए सूचनाऐं मिली, किन्तु सम्पूर्ण आश्रम की तालाबन्दी के कारण एक भी माता को आश्रम परिसर में स्वीकार नहीं किया जा सका, आश्रम में माताओं के पृथक आईसोलेशन, क्वारेंटाईन में रखने की जगह नहीं है। इसी प्रकार आश्रम में टी वी, एचआईवी, और संक्रामक रोग से ग्रस्त माताओं को पृथक से रखने का कोई स्थान नहीं है। यहां तक कि इन विषमतम परिस्थितियों में भी दूरी बनाकर रखना आश्रम के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। यहा आने वाली माताओं में अधिकांश अपना स्वयं का कार्य करने में सक्षम नहीं होती उनका सम्पूर्ण जीवन परसेवा पर निर्भर होता है। आश्रम में मनोरूग्ण और बोद्धिक दिव्यांग माताओं के लिए प्रथक स्थान नही है, इन सबको दृश्टिगत रखते हुए 500 महिलाओं को सर्वसुविधायुक्त आवास जिसमें अच्छे पलंग, मनोरंजन किर्तन, भजन कक्ष, भोजनशाला, भोजन करने हेतु हाल, सुन्दर बगीचे के साथ ही, सेवाकार्यकर्ताओं के आवास और आवास के साथ ही अल्पकालीन स्वयं सेवको के ठहरने की साथ ही गाय के शुद्ध दूध के लिए एक छोटी गौशाला की व्यवस्था रहेगी। परिसर में 25 बेड का चिकित्सा विभाग और 5 बेड का ICU भी रहेगा।
परिसर में ही साग सब्जी का उत्पादन और गेंहू पीसने की व्यवस्था रहेगी। इसी परिसर में 100 बेटियों का एक अलग आवास गृह भी रहेगा जहां वे अपनी बेटियों से मेल मिलाप कर सकेगी और उनका ध्यान भी रख सकेगी। इस पूर्ण परियोजना में लगभग 8 से 10 करोड़ का व्यय संभावित है। वर्षाकाल के दौरान चार दीवारी का कार्य प्रारम्भ होगा, एक महिला के सर्वसुविधा युक्त आवास के लिए 1.25 लाख रूपये निर्धारित किये गए है।
विश्व मातृ दिवस पर सेवाधाम आश्रम में एस डी एम खाचरोद के माध्यम से एक माता ओर उसके बच्चे को रखने की स्वीकृति दी जिसे तालाबन्दी खुलने के पष्चात आश्रम में स्वीकार किया जावेगा, वर्तमान में उक्त महिला और उसका बच्चा एन आर सी खाचरोद में क्वारेंटाईन में रखा गया है।
सेवाधाम आश्रम में महिला बाल विकास विभाग, जिला कलेक्टर, रेलवे एवं पुलिस प्रशासन, केन्द्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, विधायकों के अतिरिक्त प्रबुद्धजनों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है और यहां आने के बाद आश्रम की समन्वयक कान्ता भाभी, मोनिका गोयल, गौरी गोयल और सोवासारथियों के सहयोग से उनको नहलाया जाकर उन्हे स्वच्छ कपड़े पहनाये जाते है उन्हें भोजन कराया जाता है तथा आश्रम संस्थापक महोदय सुधीर भाई गोयल द्वारा उनका मंगल तिलक और मिष्ठान खिलाकर आश्रम में प्रवेश दिया जाता है।