Sunday, November 24, 2024
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जीकेसी के सौजन्य से टॉक शो ‘फैशन एंड लाइफ स्टाइल’ का आयोजन

सकारात्मक सोच से मिलेगी कामयाबी : राजीव रंजन प्रसाद

जीवन में नकारात्मकता से दूर रहने और मानसिक स्वास्थ का ख्याल रखने की जरूरत : शिल्पी बहादुर

शिक्षा बहुत ही जरूरी है आपने आप को किसी भी क्षेत्र में कामयाब बनाने के लिए चाहे वो ग्लैमर इंडस्ट्री ही क्यू ना हो : ऋचा कुमारी

नयी दिल्ली, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से टॉक शो ‘फैशन एंड लाइफ स्टाइल’ का आयोजन किया गया जिसमें फैशन एंड मॉडलिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने लोगों को जिंदगी में आगे बढ़ने के साथ ही ग्लैमर की दुनिया में आगे बढ़ने के टिप्स दिये।

जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से टॉक शो ‘फैशन एंड लाइफ स्टाइल’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव और मॉडल- अभिनेत्री शिल्पी बहादुर ने मॉडेरटर की भूमिका निभायी जबकि जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम कुमार ने कार्यक्रम का सह संचालन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मिसेज एशिया यूनविर्स 2020 ऋचा कुमारी मौजूद थी। कार्यक्रम में ऋचा कुमारी और शिल्पी बहादुर के साथ ही अभिनेता तन्मय सिन्हा, मिस इंडिया पैशोनेट पैसेफिक आकांक्षा श्रीवास्तव,शबनम वर्मा, ऋचा श्रीवास्तव, मिसेज बिहार फर्स्टँ रनर अप ज्योति दास और मॉडल तनुश्री सिन्हा ने लाइफ एंड स्टाइल के बारे में अपनी बात रखी।कार्यक्रम के सफल संचालन में डिजिटल-तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा, डिजिटल-तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव और उत्कर्ष आनंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हमे यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो अपनी नकारात्मक सोच को बदल लेना चाहिए। जब हमारी सोच सकारात्मक होगी तभी हमे कामयाबी मिलनी शुरू होगी। हमे अपने जीवन में कभी बीत हुयी बातों के बारे में नही सोचना चाहिए,और न ही आने वाले कल के बारे में सोच कर परेशान होना चाहिए, जो आज है बस उसी पल में खुश रहना चाहिए। हमारे जीवन में सुख और दुख का चक्र चलता रहता है तो डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमें खुश रहना है तो आने वाले दुखों से डरने की जरूरत नहीं है। सकारात्मक सोच से हमे जीवन में आगे बढ़ना है, क्योंकि दुख तो एक दिन जाने वाला ही है।

ऋचा कुमारी ने कहा जीवन में कई बार परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। कोई भी और कैसी भी परीक्षा हो, यदि सकारात्मक सोच रखी जाए तो सफलता जरूर हासिल होती है। यदि आप जीवन के कठिन समय में भी सकारात्मकता को साथ लेकर चलें तो आप हार नहीं सकते हैं। सफलता का रास्ता ही सकारात्मकता से होकर जाता है।जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए ऐसे लोगों के साथ समय व्यतीत करें जो सकारात्मक सोच रखते हों। हमें अपने पसंद के काम करने चाहिए। अपने पसंद के काम करने से जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।

मॉडल और अभिनेत्री शिल्पी बहादुर ने कहा कि आत्मविश्वास से भरा चेहरा सबसे खूबसूरत होता है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषो को भी अपनी वेशभूषा का खयाल रखना चाहिए। व्यायाम करने से हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है और हम फिट और प्रेजेंटेबल रहते हैं।उन्होंने कहा कि जो चीज हमारे इख्तियार में नहीं है उसका लोड नही लेना चाहिए। यदि आप खुद को सीरियसली लेंगे तभी लोग भी आपको सीरियसली लेंगे। जिंदगी में हमेशा हमारी “जीत और हार”, हमारी सोच बताती है ! जो मान लेता है उसकी हार होती है और जो ठान लेता है उसकी जीत होती है।

प्रेम कुमार ने कहा,जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें लक्ष्य की जरूरत होती है। बिना किसी लक्ष्य के किसी भी दिशा में आगे बढ़ना मुश्किल है। इसलिए महत्वपूर्ण यही है कि आगे बढ़ते हुए हमारे सामने लक्ष्य हों और हम सही दिशा को पहचानकर उनकी तरफ बढ़ सकें। लक्ष्यों को पाने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाना भी बहुत जरूरी है। यदि हमारे कदम सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो हमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है।

तन्मय सिन्हा ने कहा,फैशन स्टाइल को लेकर बॉलीवुड से लेकर टीवी के स्टार्स सुर्खियों में बने रहते हैं। इन स्टार्स के स्टाइल को आम लोग भी फॉलो करना पसंद करते हैं। उनके स्टाइल से लोग इतने प्रभावित होते हैं कि लोग उनके जैसे ड्रेस को तलाशते रहते हैं। वहीं किसी-किसी एक्ट्रेस के ड्रेसिंग सेंस लोगों के लिए उनका फैशन आइकन तक बन जाता है। उन्होंने कहा कि जिंदगी की रेस में आगे आने के लिये आपको खुद से लड़ना होगा और अपने अंदर के डर को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि सबको समय के साथ चलना जरूरी है नहीं तो हम पीछे रह जाएंगे और समय आगे निकल जाएगा।

शबनम वर्मा ने फैशन को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि अच्छे कपड़े पहन लेने से तो कोई भी इंसन स्टाइलिस्ट दिख सकता है लेकिन जिसकी शख्सियत में स्टाइल है वही रोल मॉडल बन सकता है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर अपनी बात रखते हुये कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि महिलाओं का कोई घर नहीं होता लेकिन मेरा मानना है कि महिला के बिना घर, घर नहीं होता।

ज्योति दास ने कहा कि महिला यदि खुद कॉन्फिडेंट रहे और खुद को खुश रखें तभी वह बच्चे को परिवार को समाज को भी खुश रख सकती है। कॉन्फिडेंट और पॉजिटिव रहने से आपकी जो इनर ब्यूटी है वह सबके सामने आती है और आप में और ज्यादा निखार आ जाता है।

रिचा श्रीवास्तव ने कहा फैशन और लाइफस्टाइल दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। आज के दौर में जितनी अहमियत फैशन की है उतनी ही लाइफ स्टाइल की भी जरूरत है। जीवन में इंसान बहुत कुछ करता है ख़ुशी और सफलता को प्राप्त करने के लिए पर जब तक, वह संतुष्ट नहीं होगा तब तक वह खुश भी नहीं होगा।

आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि आज के समय में भी यह माना जाता है कि मॉडलिंग या अभिनय की दुनिया लड़कियों के लिये सही नहीं है। हमारे समाज के लोगों को लगता है कि लड़किया सिर्फ घर के कामों के लिये बनी हुयी है और उनकी शादी कर देनी चाहिये।उन्होंने कहा कि यदि कोई लड़की या महिला आगे बढ़ना चाहती है तो उसका पूरा परिवार और समाज उसका विरोध करता है। लड़की हो या फिर महिला हर क्षेत्र में अपने देश और समाज का नाम रौशन कर सकती है।

तनु श्री सिन्हा ने कहा, हर समय प्रेजेंटेबल रहने के लिए ओरिजनल रहे, कॉन्फिडेंट रहे, खुद का खयाल रखें, व्यायाम करें, स्वस्थ रहें, समय और मौके के हिसाब से कपड़े पहने। उन्होंने कहा कि अपना समय और ऊर्जा खुद को बेहतर बनाने में खर्च करे न की दूसरो को कमतर समझने में। नकारात्मकता से दूर रहें और साथ ही अपने मानसिक स्वास्थ का ख्याल रखें।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन आनंद कुमार सिन्हा ने दिया और कहा कि कोरोना के चलते जब हम सब घर की सीमा में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं, उस समय फैशन-मॉडलिंग इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों की यह परिचर्चा हमारा उत्साह वर्धन करेगी। जिंदगी जीने का नजरिया बेहतर होगा और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ आगे भी कई तरह के बेहतरीन कार्यक्रम लेकर आयेगा। कार्यक्रम के दौरान कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव और कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता सुमन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

एक निवेदन

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