न्यूयार्क। दक्षिण वजीरिस्तान में पश्तून कार्यकर्ताओं की रैली पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा फायरिंग के खिलाफ पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) ग्रुप के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान आर्मी पर प्रतिबंध लागू करने की अपील की है। यह प्रदर्शन न्यूयार्क स्थिति संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर हुआ और यह देश समर्थित तालिबान के खिलाफ भी था जो निर्दोष पख्तून पर हमले के लिए जिम्मेवार है। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पख्तूनों का गुस्सा लंबे समय से चल रहा है।
बाजवा और पाक सेना के खिलाफ लामबंद पीटीएम –
पिछले सप्ताह दक्षिण वजीरिस्तान में शांतिपूर्ण रैली निकाले जाने के दौरान पाकिस्तान आर्मी के हमले में अनेकों पीटीएम कार्यकर्ता मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने इस हमले की जांच करने की मांग की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। पीटीएम कार्यकर्ताओं के साथ यह अभियान चलाया गया। प्रदर्शन के दौरान, कार्यकर्ताओं ने पाक आर्मी के चीफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा और सुरक्षाबलों की निंदा की। पाक आर्मी और बाजवा पर हमला बोलते हुए उन्होंने नारे लगाए।
लंबे समय से पाक सेना का जारी है विरोध –
उनका कहना है कि पिछले कुछ बरसों में सेना की कार्रवाई में हजारों पख्तून लापता हो चुके हैं हजारों को बिना कोई मुकदमा चलाए मारा जा चुका है। पख्तूनों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना लंबे समय से दमन चक्र चला रही है। पख्तून मानवाधिकारों को ताक पर रख दिया गया है। पिछले कई महीनों में समय-समय पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पख्तूनों ने विरोध प्रदर्शन के साथ रैलियां निकाली हैं। पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े जातीय समूह पख्तून लगातार अपनी सुरक्षा, नागरिक स्वतंत्रता और समान अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस बीच वॉयस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत ने पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना की कड़ी निंदा की थी। उन्होने कहा देश की सेना देश की सुरक्षा के लिए है कानून बनाने के लिए नहीं जो किसी को भी देशविरोधी करार दे सकती है।