आजकल रेल पर सफर करने वाले यात्री रेलवे के अघिकारियों से ज्यादा रेलमंत्री पर विश्वास कर रहे हैं। जब भी जीआरपी हो या आरपीएफ यात्रियों की बात नहीं सुनता तो वह उन्हीं के सामने मोबाइल निकाल कर सुरेश प्रभु को ट्वीट कर समस्या से अवगत कराते हैं, ट्वीट पहुंचते ही यात्रियों की समस्या मंत्री जी हल कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला सेंट्रल स्टेशन पर देखने को मिला। जहां फौजी दंपति की बेटी पीने का पानी लेने के लिए स्टेशन के प्लेटफार्म में उतरी। बेटी जबतक पानी ले पाती ट्रेन चल पड़ी। बेटी के बिछड़ने पर फौजी ने टिकट कंडेक्टर से ट्रेन रोकने के लिए कहा, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी।
फलस्वरुप फौजी ने तत्काल मोबाइल निकाला को और रेलमंत्री को ट्वीट के जरिए घटना की जानकारी दे दी। फौजी आरसी यादव सिलीगुड़ी जाने के लिए एनई एक्सप्रेस के एस-4 कोच में पत्नी और बेटी सहित टूंजला से सवार हुए थे। कानपुर सेंट्रल पर बेटी अर्तना (14) बोगी से पानी लेने के लिए उतरी। इस बीच ट्रेन चल दी।आरसी यादव को जब ट्रेन पर बेटी न दिखी तो उन्होंने रेलमंत्री को ट्वीट कर सूचना दी। इसके बाद रेलवे हरकत में आया। आरपीएफ प्रभारी राजीव वर्मा ने तत्काल टीम को भेजा और अर्चना को बुलवाया। आरपीएफ प्रभारी ने अर्चना को कालका मेल में बिठा रवाना किया। कालका मेल एक घंटे में फतेहपुर पहुंची, जहां बेटी के इंतजार में खड़े फौजू को सकुशल अर्चना मिल गई।
मंत्री के आदेश पर हरकत में आया रेलवे
आरपीएफ प्रभारी ने बताया कि यात्री की बेटी पानी लेने के लिए ट्रेन से उतरी थी, वह बोगी संख्या भूल गई और इसी दौरान ट्रेन चल पड़ी। फौजी ने जब अपनी बेटी को बोगी में नहीं पाया तो उसने रेलमंत्री को ट्वीट कर दिया। रेलमंत्री का आदेश मिलते ही आरपीएफ ने बेटी को खोज लिया और मोबाइल पर फौजी को बेटी की बरामदी की जानकारी दे दी गई।
साभार- http://www.patrika.com/ से