जब मल्टीनेशनल कंपनियां पतंजलि का रेट में मुकाबला नहीं कर पायी तो ओछे हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए, अभी एक फर्जी रिपोर्ट सोशल मीडिया में शेयर की जा रही है जिसमे पतंजलि घी के सैम्पल को टेस्ट करना बताया गया है। आप खुद दोनों को देखिये, रिपोर्ट के लिए लैब में किसी ने पतंजलि के घी को खोलकर खुद मिलावट करके सैंपल टेस्ट करने के लिए दिया और रिपोर्ट में सैंपल के सामने से unsealed हटा दिया। षड्यन्त्रकारी विदेशी कम्पनियाँ व देश के कुछ गद्दार यह नहीं चाहते हैं कि कोई स्वदेशी कम्पनी देश की सेवा में उच्चगुणवत्तायुक्त सस्ते उत्पादों को उपलब्ध करायें, इससे यह कंपनियां भयभीत हो रही हैं, अतः हर तरह के हथकण्डे अपनाकर “पतंजलि आयुर्वेद” को बदनाम करने का षड्यन्त्र कर रही हैं | आप सब देशवासियों का विशवास व प्यार हमारे साथ है तो ये कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे |
आप सबसे निवेदन है कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें| यदि आपको कोई सूचना मिलती है तो कृपया divyayoga@rediffmail.com , divyayoga@divyayoga.com पर सूचित करें, आपका विशवास हमारी ताकत है, देशवासियों व मानवता की सेवा के लिए यह पतंजलि संस्थान समर्पित है |
आप खुद देखे विदेशी कम्पनियो की साजिश
एक रिपोर्ट फ़ोटो कॉपी लैब से निकलवाई गयी है जिसमे साफ़ लिखा है कि टेस्ट रिपोर्ट का सैंपल बिना सील (unsealed) था ।
भारतीय मिडिया में रुक रुक कर #बाबारामदेव या उनकी #पतंजलि खबरों में बनी रहती है। इसके लिए उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों की नकारात्मक छवि बनाने के लिए भ्रांतियों और कुतर्की तथ्यों को खबरों के रूप में पेश किया जाता है।
यह सब देख कर तो स्पष्ट है कि बाबा रामदेव से मिडिया और उनके सेकुलर अभिभावको को उनसे परेशानी बहुत है।
बाबा रामदेव उनको नही जंचते क्योंकि वो एक शुद्ध खांटी के आदमी है और आक्रमकता से योग की बात करते है। बाबा रामदेव उनको नही जंचते क्योंकि वो भगवा धारण किये हुए एक ऐसे हिन्दू है जिन्होंने, सनातन हिन्दू धर्म को मानते हुए भारत की भाषा में प्रचार और प्रसार किया, जिसकी उन्हें अंग्रेजी में सुनने की आदत है।
क्या यही कारण काफी है, जिसके कारण, ‘बाबा रामदेव के पीछे अमेरिकी पीनट बटर, ब्रिटिश क्रीम और इटैलियन ऑलिव आयल लेकर हमारा शुद्ध भारतीय मिडिया और सेकुलर पीछे पड़ा है’?
असल में यह, इन लोगों की एक बड़ी मजबूरी है। इन मीडिया की दुकाने चलती ही विदेशी मल्टी नेशनल कम्पनियो के विज्ञापनो से है और भारतीय सेकुलर उनके कृपापात्र है।
भारत के FMG बाजार में पहली बार विशुद्ध भारतीय प्रतिष्ठान ने, इन विदेशी कंपनियों को न केवल चुनौती दी है बल्कि शुद्धता और गुणवत्ता की विश्वनीयता की कसोटी पर जगह बना ली है। विदेशी कम्पनियो के परंपरागत ग्राहकों ने तुलनात्मक विश्लेषण करना शुरू कर दिया है और आगे आने वाले समय में, कई कम्पनियों के बाजार का हिस्सा, बाबा रामदेव की पतांजली खाने वाली है।
यह जो बाबा रामदेव और पतांजलि के विरुद्ध नकारात्मकता का मौहोल बनाने का भारतीय मिडिया का षड़यंत्र है, यह उनके खेवनहरो के कम होते बाजार और गिरते हुए लाभ की चिंता से उपजा है।
व्यापार से जो बड़ा काम बाबा रामदेव के पतांजलि के उत्पादों ने किया है, वह यह की स्वदेशी को धारण और उपयोग करने में अभिमान का एहसास कराया है। उन्होंने विशुद्ध भारतीयता को सम्मान का स्थान दिया है और यह सब विशुद्ध भारतीय मीडिया और उनके सेकुलर अभिभावको के लिए, “भयावह घटना” से कम नही है।
यह तो अब तय ही है की रोमन लिपि में हिंदी पढ़ने वाले लोगो को बाबा जी बहुत रुलाएगे।