नोटबंदी के बाद कैश की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भले ही सरकार ने पेटीएम, एसबीआई बडी जैसे ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने की सलाह दे दी हो पर अब पेटीएम के इस्तेमाल पर भी सवाल उठने लगे हैं। बैंकों से हो रही गड़बड़ी की शिकायतों के लिए तो बैंकिंग लोकपाल की व्यवस्था है लेकिन ई-वॉलेट संबंधी शिकायतें कहां की जाएं, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।
दरअसल पेटीएम के इस्तेमाल में खामियां और अकाउंट से पैसे गायब होने की खबरें आने के बाद अब इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। पेटीएम का सिस्टम फुलप्रूफ नहीं है। इसके इस्तेमाल से आप अपने अकाउंट का पूरा पैसा गंवा सकते हैं। ये बात साबित भी हो चुकी है। दिल्ली में इसको लेकर पुलिस में शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन भोपाल में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।
बैंकिंग के जानकार डीके पोत्दार का कहना है कि कैश पर लेन-देन कम करने को लेकर ई-वॉलेट विकल्प हैं पर इसमें रिस्क भी है। इसलिए इनका सावधानी से उपयोग करें। वहीं मप्र बैंक एम्पलाइज एसो. के समन्वयक वीके शर्मा कहते हैं कि बैंकों की शिकायतों के लिए बैंकिंग लोकपाल है पर ई-वॉलेट पर कंट्रोल या कम्पलेंट को लेकर कुछ नहीं है।
ई-वॉलेट से ये सुविधाएं
मोबाइल रिचार्ज, डिस रिचार्ज, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट,सभी प्रकार के पोस्टपेड बिल पेमेंट और इंस्टेंट मनी ट्रांसफर।
ई-वॉलेट में लाएं सिक्योरिटी फीचर का नया सिस्टम
ई-कॉमर्स एक्सपर्ट आलोक ठक्कर का कहना है कि ई-वॉलेट कंपनियां सिक्योरिटी फीचर्स पर काम नहीं कर रही हैं। अथराइजेशन पासवर्ड के लिए परंपरागत सिस्टम ही अपनाए जा रहे हैं। कंपनियां पासवर्ड और पिन नंबर बदलने तक के लिए उपभोक्ता से कोई निर्देश जारी नहीं कर रहीं। ठक्कर के अनुसार कंपनियों को अपने साफ्टवेयर अपडेट करना होंगे। धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ नया सिस्टम जनरेट करना होगा, तभी ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रह सकेगा।
साभार- http://naidunia.jagran.com से