Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeराजनीतिकिस दिशा में जाएगी पीडीपी भाजपा की सरकार

किस दिशा में जाएगी पीडीपी भाजपा की सरकार

जम्मू-कश्मीर राज्य में आज कल हर सुबह एक नया विवाद ले कर आती दिख रही है. दुविदाओं भरे जिस वातावरण से इस राज्य के लोग झूझ रहे हैं ऐसा लगता है राजनीतिक दलों के लिए अगर कोई चिंता करने की वात है तो वे सिर्फ इतनी ही है कि किस तरह से नेता लोग सत्ता की कुर्सी के नजदीक रह सकते हैं जम्मू कश्मीर में आम जन को मुख्यधारा और अलगाववाद के नाम पर खड़े किए जाते विवादों में पिछले दो दशक से उलझाए रखा गया है.

हाँ, पहले भी कुछ इस प्रकार की बातें होती थीं पर साल १९९० के पहले ज्यादातर (plebiscite) प्लेविसित या रायशुमारी से जुड़े विवाद जैसे विषय पर प्रश्न उठते थे पर सत्ता की डोर पकड़ने बाले दल या नेता कभी कोई ऐसी वात नहीं करते थे और न ही ऐसी वात करने वालों को कोई महत्त्व देते थे जो किसी भी दृष्टि से जम्मू कश्मीर के पूर्णतया एक भारतीय राज्य होने या १९४७ में भारत से हुए अधिमिलन पर लगने वाले किसी प्रश्न चिन्ह पर विचार करने का तनिक मात्र भी सुझाव जा संकेत देते हों.

अब तो ऐसे हालात बनते साफ़ दिखते हैं कि मुख्यधारा और प्रथिक्तावादी विचारधारा के बीच अन्तर की परिभाषा जम्मू कश्मीर के संधर्व में कुछ अलग ही प्रकार की है क्यों कि कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं जिन से लगता है कि वे लोग जो जम्मू कश्मीर राज्य की अन्तर्रष्ट्रीय स्तर की स्थिति पर उठते विवादों पर भी विना शर्त के वात करने की वकालत करते हैं जा सुझाब देते हैं वे भी भारत सरकार के लिए मुख्यधारा की श्रेणी में आते हैं.

पीडीपी ने साल २६ अक्टूबर २००८ के दिन अपना “सेल्फ रूल का मसोदा” अपनी बेब साईट पर डाल कर दुनिया के सामने रख दिया था. यहाँ तक पीडीपी का सवाल है पीडीपी ने बड़ी सादगी से अपने सेल्फ रूल के मसोदे में कहा है कि पीडीपी किसी प्रकार से भी पूर्ण ‘जम्मू कश्मीर समस्या’ का हल नहीं पेश कर रही है, जम्मू कश्मीर समस्या सिर्फ अंतरराजिए स्तर पर ही नहीं सुलझाई जा सकती है , इस के लिए अन्तरराजिय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर के प्रयासों के मिश्रण की आवश्यकता है. कम से कम साल २००८ के वाद तो भारत की सरकारों और भारत की मुख्धारा के सभी राजनीतिक दलों ने तो पीडीपी के सेल्फ रूल को जान लिया होगा और अगर कोई दल अब भी यह कहे कि उस के नेताओं ने पीडीपी की निति को अभी जानना है तो इस इस से दुर्भाग्य पूर्ण भारत के लिए और क्या हो सकता है.

मुफ़्ती सईद जी ने अपने विचार अपने दल की नींव रखते हुए साल १९९८-९९ में रियासत के लोगों के सामने रख दिए थे. आतंकवाद और पृथकतावादी विचारकों से झूझती जम्मू कश्मीर रियासत में साल २००२ से ले कर साल २००८ तक कांग्रेस ने पीडीपी के साथ मिल कर शासन किया और उस

[Message clipped] View entire message

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार