देश की रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नोटबंदी के बाद हजार पाँच सौ रु. को लेकर पिछले 24 घंटे में कोई नया आदेश जारी नहीं किए जाने पर देश भर में तीखी प्रतिक्रिया है। बैंक की लाईन में लगे लोगों में भी इसको लेकर भारी नाराज़गी है। लाईन में लगे एक व्यक्ति ने बताया कि मैं अपने घर फोन कर करके परेशान हो गया हूँ, मेरे सब घर के लोग टीवी की ब्रेकिंग न्यूज़ देख रहे हैं, लेकिन घर से निकलने से लेकर बैंक की लाईन में लगने तक रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया ने कोई नया आदेश निकाला ही नहीं।
इधर टीवी पर ब्रैकिंग न्यूज़ के लिये परेशान चैनलों के रिपोर्टर रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया के बाहर घंटों से इस बार का इंतज़ार कर रहे हैं कि बैंक नोट बंदी को लेकर किसी नए नियम की घोषणा करे। पत्रकारों को रिज़र्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि हम खुद नया नियम निकालने की जल्दी में हैं, लेकिन क्या करें अब हमारे सामने मुसीबत ये हो गई है कि कोई नया नियम सूझ ही नहीं रहा है। जब भी हमारा कोई चपरासी, बाबू या अफसर इसको लेकर कोई नया नियम सुझाता है, पता चलता है कि ये नियम तो लागू करके बदल भी दिया है। हमारे पास तो नियमों का स्टाक ही खत्म हो गया है। उसने पत्रकारों से कहा कि अब अगर आपके पास किसी नए नियम का आईडिया हो तो बताओ ताकि उसे ही नया नियम बनाकर अपना काम चलाएँ। एक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि भारत सरकार और वित्त मंत्रालय से भी हम पर बहुत दबाव है वो भी हमसे नए नियम माँग रहे हैं, लेकिन क्या करें, जब खुद ही नियम नहीं बना पा रहे हैं तो सरकार को नियम बनाकर कहाँ से दें।
रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 24 घंटे से कोई नया आदेश नहीं निकालने पर कांग्रेस, बसपा, समाजवादी पार्टी और भाजपा के प्रवक्ताओं और नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इनका कहना है कि कोई नया नियम नहीं आने से टीवी चैनलों पर इसको लेकर बहस भी नहीं हो रही है और हमारे पास बहस करने के लिए कोई मुद्दा ही नहीं बचा है।
इधर बैंक में मोबाईल पर गेम खेलते एक घाघ बाबू और उसके सामने खड़े ग्राहक में भयंकर वाद-वाद चल रहा है। ग्राहक कह रहा है कि मैं जब घर से नोट लेकर चला था तो ये नियम था कि आप मेरा पैसा जमा करेंगे, और बैंक तक पहुँचते पहुँचते नियम बदल गए तो मैं क्या करुं। बैंक के बाबू का कहना था कि आपको बैंक आने से पहले किसी ज्योतिषी या वित्त मंत्री या प्रधान मंत्री से सलाह लेना थी, आप घर से सीधे बैंक क्यों चले आए, अब रिवर्स बैंक ने नियम बदल दिए तो मैं क्या करुं। गुस्से में उबल रहा ग्राहक जानना चाहता था कि नया नियम क्या है, तो बाबू का कहना था कि अभी जो नया नियम आया है उसके बाद कोई नया नियम आया ही नहीं, ऐसे में आपको नया नियम कैसे बता सकते हैं।
रिज़र्ब बैंक के एक अधिकारी ने एक स्टिंग ऑप्रेशन में खुलासा किया कि रिज़र्व बैंक पर नए नोट छापने के साथ ही नए नियम छापने का भी भयंकर दबाव बना हुआ है, ऐसे में हम तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि नोट ज्यादा छापें या नए नियम। देश में लोग लाईन में लगे रहें इसके लिए नोट से ज्यादा नियम ज़रुरी है।
इधर लोग अखबार में छपी उन खबरों पर भी भरोसा नहीं कर पा रहे हैं जिसमें रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नोटबंदी को लेकर लाए गए नए नियमों की खबर होती है। लाईन में लगे एक ग्राहक ने बताया कि अखबार वाले ये खबरें मनोरंजन कॉलम में छाप रहे हैं इसलिए समझ में ही नहीं आता है कि ये खबरें सही हैं या मनोरंजन के लिए हैं।
लाईन में खड़े लोग प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इस बात के लिए तारीफ़ भी कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि –‘’आपका पैसा बैंक में सुरक्षित है।‘’ लोगों का कहना है कि ‘’इतना सुरक्षित है कि हम खुद ही अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं तो दूसरी की क्या मजाल।‘’
अब खबर ये आ रही है कि रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया नोट पर मैं धारक को चुनौती देता हूँ कि वो ”ये नोट बैंक में जमा करके इसे फिर से निकाल कर दिखाए” जैसी चेतावनी छापने जा रही है। रिवर्स बैंक का कहना है इससे बैंक के काउंटरों पर बैंक कर्मचारियों से जो विवाद होता है वह कम हो जाएगा, क्योंकि इस चेतावनी के बाद नोट जमा करने की जिम्मेदारी ग्राहक की होगी, बैंक के कर्मचारी की नहीं।