आगरा-नई दिल्ली रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी के इंजिन के पहियों के बीच में रोते हुए एक बच्चे की वीडिओ ने देश भर के लोगों को दहला दिया। हालाँकि लोको पायलट की सूझबूझ से उस मासूम की जान बाल-बाल बची। मासूम को किशोर भाई ने खेल-खेल में रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और बच्चे को सकुशल उसकी माँ को सौंप दिया। घटना का वीडियो वायरल होने पर लोको पायलट की रेलवे मंडल में प्रशंसा हो रही है।
नई दिल्ली की ओर से गत दिवस दोपहर करीब 02.33 बजे मालगाड़ी ने बल्लभगढ़ स्टेशन पार किया ही था कि ट्रैक के समीप खेल रहे किशोर ने दो साल के बच्चे को ट्रेन के आगे फेंक दिया। मालगाड़ी के लोको पायलट दीवान सिंह और सहायक लोको पायलट अतुल आनंद घटनाक्रम देखकर हड़बड़ा गए। तत्काल संतुलन बनाते हुए ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी तो बच्चा इंजिन के नीचे फँसा पड़ा था। लोको पायलट-असिस्टेंट लोको पायलट कूदकर गाड़ी से उतरे। बच्चे को इंजन के पहियों के बीच फँसा देखकर उनकी भी जान एकबारगी हलक में अटक गई। हालांकि बच्चे को सकुशल देख उन्होंने भी राहत की साँस ली और फँसे हुए बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया।