भोपाल। हमारे समाज में यह विडम्बना है कि एक ओर तो हमारे पास वंचित वर्गों को लाभान्वित कर विकास की मुख्यधारा में जोडऩे के लिए अनेक योजनाएं हैं। वहीं, दूसरी पात्र व्यक्ति सशक्त हस्तक्षेप के अयाम में इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। यह बात प्रख्यात गांधीवादी चिंतक और ग्रामीण विकास विशेषज्ञ डॉ. टी. करुणाकरन ने कही। वे मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोद्य विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बैचलर ऑफ सोशल वर्क (कम्यूनिटी लीडरशिप) पाठ्यक्र में भोपाल जिले स्तर पर और फंदा ब्लॉक स्तर पर सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में संबोधन दे रहे थे। ज्ञातव्य है कि गांव-गांव में विकास अभिकर्ता तैयार करने के उद्देश्य से संचालित इस पाठ्यक्र को 51 जिला मुख्यालयों में महिला एवं बाल विकास, 89 आदिम जाति विकासखण्डों में
आदिम जाति कल्याण विभाग और 224 गैर-जनजातीय विकासखण्डों में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
करुणाकरण ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में छात्रों से अपेक्षा है कि वे इसे मात्र पाठ्यक्रम न समझकर समाज परिवर्तन का अवसर मानें। लोगों के साथ मिलकर समस्याओं को चिन्हित करें। जन सहयोग से ही उनके समाधान के लिए प्रयास करें। करुणाकरन ने मध्यप्रदेश के अनेक उदाहरणोगं से क्षेत्रीय समस्याओं को चिहिन्त करने की विधि के रूप में अनेक सुझाव छात्रों को दिए। उन्होनें पाठ्यक्रम को व्यावहारिक और प्रभावी बनाने हेतु अनेक सुझाव दिये। इस अवसर पर जन अभियान परिषद् के कार्यपालक निदेशक, श्री उमेश शर्मा, ने पाठ्यक्रम को प्रदेश की
आवश्यकता नियमित करते हुए कहा कि इससे हमें प्रत्येक गांव में प्रभावी कार्यकर्ता मिलेगा जिसमें विकास का एक सुनिश्चित दर्शन होगा और जो जन सहयोग समस्याओं के समाधान में सफल होगा। कार्यक्रम में उपस्थित केरल सरकार के सलाहकार डॉ. रेजी थॉमस ने भी अपने विचार और अनुभव साझा किये।
कार्यक्रम में छात्रों से प्रथम वर्ष की अध्यन सामग्र्री पर फीडबैक प्राप्त किया। आकादमिक व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। कार्यक्रम में
ग्रामोदय विश्वविद्यालय के इस परियोजना निदेशक डॉ. अमरजीत सिहं और जन अभियान परिषद् की टॉस्क मैनेजर डॉ. सुनीता गुप्ता की उपस्थित थी। संचालन ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. वीरेन्द्र कुमार व्यास ने किया।
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चार दिवसीय वर्कशॉप में सामने आए कई परिणाम
मप्र में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित सामुदायिक नेतृत्व में बीएसडब्ल्यू कोर्स संचालित किया
जा रहा है। कोर्स का समन्वयन मप्र जन अभियान परिषद कर रहा है और शिक्षा के आयामों को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय देख रहा है।
इसी कोर्स के लिए दूसरे और तीसरे वर्ष के स्वनिर्देशित अध्ययन सामग्री विकसित करने के लिए आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला 25 फरवरी से 28 फरवरी तक राजीव गांधी भवन भोपाल में आयोजित की गई थी।
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किसने किया था आयोजन
कार्यशाला महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रायोजकत्व एवं आदिम जाति कल्याण विभाग और मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के सहयोग से संपन्न हुई।
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प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है चित्रकूट
बीएसडब्यलू पाठ्यक्रम का संचालन महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश शासन के सहयोग से 51 जिला मुख्यालयों में
महिला एवं बाल विकास विभाग, 89 आदिमजाति बहुल विकासखंडों में आदिम जाति कल्याण विभाग एवं 224 गैर आदिम जाति विकासखंडों में मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के साथ किया जा रहा है।
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प्रदेश के कई विशेषज्ञ अफसरों ने दिया मार्गदर्शन
महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया, आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीआर नायडू, आदिम जाति कल्याण विभाग की पूर्व आयुक्त श्रीमति वीणा घाणेकर, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति
नरेश चंद्र गौतम.
संपर्क-
Anil Kumar Pandey
Facuty Member, Deptt. Of Electronic Media, Makhanlal Chaturvedi
National University of Journalism and Communication, Bhopal
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Mobile No – 09827262578